11 नवंबर 2020

राजनैतिक पहचान का भविष्य

बिहार चुनाव में तमाम बड़े नामों के बीच आकर्षण का केन्द्र बनीं थीं द प्लूरल्स पार्टी की प्रिया। राजनैतिक परिवार से आने के कारण राजनीति वो जानतीं होंगीं, ऐसा माना जा सकता है। ऐसे में उनको बजाय ईवीएम पर दोषारोपण करने के समूचे राजनैतिक परिदृश्य को समझना होगा।



जिस तरह से उनको अपने पहले प्रयास में ही पहचान मिली, वह भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है। चुनाव मैदान में किसी नये व्यक्ति का उतरना, बिना किसी बड़ी सहायता के राज्य भर में चुनाव लड़ना, पहचान बनाना हँसी-खेल नहीं होता है।


चुनाव लड़ने के लिए, प्रचार के लिए, समर्थन पाने के लिए, फंड एकत्र करने के लिए, अपनी पहचान बनाने के लिए किस स्तर का दमखम चाहिए होता है, इसे चुनाव लड़ने वाला समझ सकता है, इसलिए हम समझ रहे हैं।


इधर उनकी पार्टी को मिले वोट और उनके प्रतिशत को देखने-समझने की जरूरत है। उसके आधार पर और भावी रणनीति के आधार पर उनका और उनकी पार्टी का भविष्य तय होगा। उनका राजनैतिक परिवार से सम्बंधित होना ज्यादा महत्त्व नहीं रखेगा।



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