दिखती हो तुम
जब भी ऑनलाइन
लगता है
तुम साथ हो मेरे.
करती हो तुम
जब भी लाइक
मेरी किसी पोस्ट को
लगता है
मेरे हाथ में तेरा हाथ है.
और करती हो तुम
कोई कमेंट
जब कभी भी
तो लगता है
जैसे बात कर रही हो
तुम मुझसे.
तुम्हारा दूर होना
हमसे बात न करना
करता है परेशान
पर
तुम्हारा
ऑनलाइन न दिखना
ऑनलाइन होकर भी
लाइक न देना,
लाइक करके भी
कोई कमेंट न करना
दिल को दुखा जाता है
दिल तोड़ जाता है.
दिल को यूँ टूटने से बचाने को
टुकड़े-टुकड़े न बिखर जाने को
ऑनलाइन दिखती रहा करो,
लाइक, कमेंट कर दिया करो
या फिर करो रहम इतना
अपने नोटिफ़िकेशन को
ऑफ़ रखा करो.
न बत्ती का
हरा होना दिखेगा,
ये दिल
टूटने से बचेगा,
बिखरने से बचेगा.
.
इस ब्लॉग की 1900वीं पोस्ट
.
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
Sahi hi ..बहुत खुले दिल से इजहार किया है,शायद लोगो के दिल को बात पसंद आए जाए
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंवाह। मन की बात बहुत स्पष्ट और सहज। बहुत सुन्दर। 1900 वीं पोस्ट के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएं