10 अगस्त 2020

हिन्दुओं के साथ विश्वासघात की तैयारी

श्रीराम मंदिर निर्माण सम्बन्धी शिला पूजन के आसपास का माहौल ऐसा बना कि देश के न सही मगर उत्तर प्रदेश के प्रमुख दलों ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं. उत्तर प्रदेश के अलावा उसके पड़ोसी राज्य के पार्टी कार्यालय में भी कुछ अलग सा माहौल दिखाई दिया. इसके क्या कारण हैं? क्या इसे वोटों का ध्रुवीकरण कहा जा सकता है? अभी यदि उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य की बात न करके उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहाँ के दो प्रमुख दलों ने जैसे वोटों का ध्रुवीकरण करने का मन बना लिया है. इसमें एक तरफ सपा दिखाई दे रही है तो दूसरी तरफ बसपा है. दोनों की तरफ से हिन्दुओं के वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए ब्राह्मण वोट साधने की कोशिश की जाने लगी है. इस कोशिश में एक तरफ मूर्ति बनाने का लालच फेंक दिया गया है.



इस लालच के सन्दर्भ को अभी हाल के विकास दुबे एनकाउन्टर मामले से जोड़ा जा सकता है. विगत दिनों कई पुलिस कर्मियों की हत्या करके फरार हुए कुख्यात अपराधी विकास दुबे की बड़े ही नाटकीय अंदाज में गिरफ़्तारी (कुछ लोग इसे उसका आत्मसमर्पण भी कहते हैं) के बाद मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश लाते समय गाडी के पलटने, उसके भागने के चलते पुलिस वालों के साथ हुई कार्यवाही में उसका एनकाउन्टर हो गया. इसके बाद प्रदेश भर के बहुत से ब्राह्मण संगठनों, व्यक्तियों ने हंगामा काट दिया. ऐसा लगा जैसे ब्राह्मण वर्ग का कोई बहुत बड़ा नाम समाप्त हो गया हो. ऐसा लगा जैसे प्रदेश का कोई प्रथम पूज्य व्यक्तित्व सदा-सदा के लिए लोप हो गया हो. इसी का लाभ लेते हुए सपा, बसपा ने अपने कार्ड फेंटने शुरू कर दिए हैं.

यहाँ ध्यान रखने वाली बात ये है कि ब्राह्मणों के नाम पर हिन्दू वोटों को चुग्गा फेंकने वाले एक दल ने किसी समय में तिलक, तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार, जैसा सम्मानजनक नारा दिया था. इसी में जुड़े दूसरे दल ने कारसेवकों का स्वागत बन्दूक की गोलियों से किया था. इसके बारे में डेढ़ दशक से अधिक समय बाद भी जब इस दल के मुखिया से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि वे किसी भी कीमत पर मुसलमानों का विश्वास नहीं खोना चाहते थे. सोचने वाली बात है कि एक तरफ तिलक, तराजू और तलवार को चार जूते लगाये जाने की बात हो रही हो, दूसरी तरफ ब्राह्मणों को साधने की बात हो रही है. इसी तरह एक दल ने मुसलमानों का विश्वास नहीं खोना चाहा था मगर अब वही दल हिन्दुओं का विश्वास जीतना चाहता है. यहाँ हिन्दुओं को सोचना होगा कि उनके लिए ये दल कैसा और क्या काम करेंगे? बाकी सत्य तो सामने आ ही जाना है.

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#हिन्दी_ब्लॉगिंग

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