चीनी
उत्पादों के खिलाफ भारत में एक आन्दोलन सा खड़ा होता दिखने लगा है. अगर यह आंदोलन चीन
के विरुद्ध सफल हो जाता है तो भारत को इसके अनेक दीर्घकालिक लाभ होंगे.
इसमें
पहला लाभ तो चीन को भारत से होने वाले राजस्व में जबरदस्त कमी आएगी. यह कमी लगभग 5
लाख करोड़ रुपये तक के होने का अनुमान है. ऐसा माना जाता है कि इस
राजस्व का उपयोग चीन कहीं न कहीं भारत के खिलाफ सीमाओं पर करता है. यदि वाकई इस
राजस्व में कमी आती है तो यह धन देश में ही उपयोग में लाया जा सकता है.
इसके
अलावा अनेक हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर तथा दूसरे अन्य उत्पाद बनाने
वाली कंपनियों को भारतीय बाजार में अपना अस्तित्व खोजना पड़ेगा. ऐसा उनको अपनी हिस्सेदारी
में भारतीय भाग के खोने के डर के कारण करना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में वे कम्पनियाँ अपनी
उत्पादन कंपनियों, कार्यालयों आदि को भारत में लगाने पर
विचार करने पर विचार कर सकती हैं.
यह
भी संभव है कि भारतीय स्टार्टअप और उद्योगों के लिए चीनी उत्पादों और सेवाओं के रूप
में एक विकल्प भी मिल सके. यदि ऐसा होता है तो भारत में विकसित चीनी विकल्पों के
लिए भी एक नया रास्ता मिलने की सम्भावना है.
ऐसी
स्थिति में कच्चे माल के स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के लिए योजनाबद्ध रूप से श्रमिक,
मजदूर भी उपलब्ध होने की सम्भावनाएं होंगी. इसके साथ-साथ अपने सामान के बेचने हेतु
उनको बाजार का विकसित स्वरूप मिल सकेगा. इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं भी विकसित
हो सकेंगी.
यह
कहना अतिश्योक्ति न होगी कि कोरोना संकट और चीन विरोधी भावनाएं भारत के लिए एक बड़ा
वरदान बन सकती हैं. ऐसा तभी संभव है जबकि हम एक साथ ऐसा माहौल बनायें और सद्भाव के
साथ काम करें. सरकार के प्रति फैलाये जा रहे विरोधी विचारों के बीच भले ऐसा संभव न
दिखता हो मगर हम सभी को नफरत को नजरअंदाज करते हुए मेक इन इंडिया को एक वास्तविकता
बनाना होगा.
हालाँकि यह एक संभावना है और यदि इस पर देशव्यापी दृष्टि के साथ कार्य किया जाये तो इसे वास्तविकता में बदलना मुश्किल नहीं होगा. ऐसे में प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के विचार को सार्थक करना कठिन न होगा.
(मयूरेश गोयल)
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#हिन्दी_ब्लॉगिंग
सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार (05-06-2020) को
"मधुर पर्यावरण जिसने, बनाया और निखारा है," (चर्चा अंक-3723) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है ।
…
"मीना भारद्वाज"
सही सुझाव और निर्देश देता हुआ सार्थक आलेख।
जवाब देंहटाएंVisit my blog
जवाब देंहटाएंबढ़िया
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