लॉकडाउन
का उपयोग कौन किस तरह कर रहा है, इस बारे में तो किसी ने बताने की कोशिश ही नहीं
की. बहुतायत लोगों ने अपना ये समय सोशल मीडिया पर कोरोना के आसपास ही बनाये रखा. मोदी
जी के जनता कर्फ्यू के पहले से ही ऐसा आभास होने लगा था कि किसी न किसी दिन
लॉकडाउन जैसी स्थिति बनेगी. इसके पीछे हम लोगों के कॉलेज का बंद करवाया जाना,
परीक्षाओं का स्थगित किया जाना आदि एक कारण था. इसके बाद एक दिन के जनता कर्फ्यू
ने इस आभास को पुख्ता करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया था. जिस दिन कॉलेज बंद हुए थे
उसी दिन विचार किया था कि घर में रुक कर अपने बकाया कामों को, अधूरे कामों को पूरा
कर लिया जायेगा. इसी बीच जनता कर्फ्यू ने एक स्थिति ये भी दिखाई कि अब घर में ही
रुकना पड़ सकता है. ऐसे में कुछ ऐसे काम करने की सोची जिसमें घर के सभी लोग शामिल
हो सकें. यही सोचकर कुछ पौधे लाये गए. घर पर बच्चों और श्रीमती जी ने मिल-मिलाकर प्लास्टिक
की बोतलों और बेकार पड़े सामानों में से गमले बनाकर रंग-रंगा लिए थे.
मंगलवार
की रात मोदी जी द्वारा लॉकडाउन की घोषणा हुई और हमारी घुमक्कड़ी पर विराम लग गया.
यद्यपि मीडिया से जुड़े होने के कारण शहर में घूमने-फिरने की अनुमति मिल जाती मगर और
लोगों को घर पर रुके रहने के फायदे समझाने की सोचकर घर में रुके रहना ज्यादा अच्छा
लगा. इस रुके रहने के दौरान एक तरफ अपने अधूरे कामों को पूरा करने की कोशिश की. इसके
साथ-साथ पढ़ने-लिखने के अलावा अपने एक दूसरे शौक स्केचिंग करने को भी फिर से जिन्दा
किया. लॉकडाउन के पहले दिन से ही स्केच करने का काम शुरू किया. अभी तक प्रतिदिन एक
स्केच बनाई जा रही है. इसके अलावा और भी कुछ किया जा रहा है, जिस पर आगे की पोस्ट
में चर्चा करेंगे.
अभी
आप लोग देखिये पहले दिन की स्केच और आज रामनवमी के अवसर पर बनाई स्केच.
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#हिन्दी_ब्लॉगिंग
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