21 मार्च 2020

सबके साथ जिंदा रहिये, अकेले नहीं

संभव है कि कल 22 मार्च के एक दिन के जनता कर्फ्यू के बाद प्रशासनिक कर्फ्यू शुरू हो जाए...

ऐसा आप सबके दिमाग में भी होगा क्योंकि आज जिस तरह की भीड़ बाजार में देखी, उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि कल के बाद आजीवन बाज़ार बंद रहेंगे.

एक पल को रुक कर सोचिये,

आज से बीस-बाईस साल पहले आप खाने में क्या खाते थे? दाल-रोटी-सूखी सब्जी-आम का अचार.... इक्का-दुक्का लोग ही इसके अलावा कुछ और खाते होंगे. पूरी-पराठें-खीर-सलाद आदि यदाकदा बनता होगा...
(इसे सबके परिवार की बात न मानी जाये)

फिर चिंता कैसी?

कुछ दिन मैगी, पास्ता, मैकरोनी, मोमोज, पिज्जा, बर्गर, इडली, डोसा आदि न खाना... दाल-रोटी से काम चला लेना...

अनावश्यक कालाबाजारी न करिए.... अनावश्यक जमाखोरी न करिए.... आपके अलावा समाज में बहुत लोग हैं, जिन्हें जिन्दा रहना है. प्रलय के बाद आप अकेले जिंदा रहकर क्या भारत जोत लेंगे?


स्थिति को समझिये और सबके साथ जिंदा रहिये.  
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#हिन्दी_ब्लॉगिंग

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