राजनीति में जिस तरह से क्षुद्र मानसिकता के लोग आते जा रहे हैं, वह चिंता का विषय होना चाहिए. ऐसे लोगों के कारण ही राजनीति को लेकर नकारात्मक माहौल बनता जा रहा है. सोचने की बात है कि राजनीति ख़ुद के विकास का माध्यम नहीं है बल्कि यह जनविकास का, राष्ट्रविकास का माध्यम है. आज इसके उलट होने लगा है. राजनीति में आने के पीछे लोगों की मानसिकता स्व-विकास की होने लगी है. इसी के चलते राजनीति में गिरावट भी देखने को मिल रही है.
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