29 मार्च 2019

सोचो-समझो फिर वोट करो


पिछले कुछ दिनों से कुछ लोग प्रचार करने में लगे हैं कि वोट प्रधानमंत्री के लिए दो. चौकीदार तो नेपाल से बुला लेंगे. सही है ऐसा होना भी चाहिए, आखिर आप सब एक लोकतंत्र के प्रहरी हैं. आपकी दम से ही लोकतान्त्रिक व्यवस्था टिकी है. आप न हों तो वह भटाक से गिर जाये. देश की आने वाली पीढ़ियाँ आपकी एहसानमंद रहेंगी, इसके लिए. बाकी छोड़ो, तुम्हारी ही मान लेते हैं कि हमारा ये चौकीदार चोर है, तो बताओगे कि तुम जिसको प्रधानमंत्री बनाना चाहते हो उसकी क्या विशेषता है? उसमें ऐसा क्या ख़ास है कि उसे प्रधानमंत्री बना दें? और रही बात वोट करके प्रधानमंत्री बनाये जाने की तो बताना सही-सही, खुद से सोच कर बताना या फिर अपने बुजुर्गों से पूछ कर बताना क्योंकि तुममें से बहुत से तो उस समय अपनी चड्डी में मूत मारते होगे, इसलिए खबर भी न होगी....
बताना जरा कि
मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाये जाने के लिए किसने वोट दिया था?
गुजराल को प्रधानमंत्री बनाये जाने के लिए किसने, किसके माँ-बाप ने वोट किया था?
कुछ ऐसा ही हाल दैवेगोड़ा के प्रधानमंत्री बनाये जाने के सम्बन्ध में?
और रही बात चौकीदार की तो कितनों के घर में नेपाल वाला चौकीदार है? सही-सही बताना. चौकीदार हम अपना ही रखना चाहते हैं, विश्वासपात्र. नेपाल से हम मंगाते नहीं बल्कि जो सालों से साथ रहता है, उसी नेपाली को चौकीदार बनाते हैं. सोच लो, किसे वोट करना है. जैसे पिछले निकल गए वैसों को या फिर जिन पर गर्व कर सको, वैसों को.

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