एक लड़का किसी कारणवश मतिभ्रम का शिकार हो
गया. उसे कोई सनक सी सवार हो गई. वो बस हर समय एक ही बात की रट लगाये रहता कि
गुलेल बनाऊंगा, चिड़िया मारूंगा. उसके घरवालों ने उसका बहुत इलाज करवाया, बहुत जगह
उसे दिखाया मगर कहीं भी लाभ न मिला. वो तो चौबीस घंटे बस यही दोहराता रहता कि
गुलेल बनाऊंगा, चिड़िया मारूँगा.
उसके परिजनों को मालूम चला कि कहीं कोई
बड़े नामी विशेषज्ञ चिकित्सक ऐसे रोगियों का इलाज सफलतापूर्वक कर लेते हैं. उस लड़के
को उनके यहाँ उपचार के लिए एडमिट कर दिया गया. कुछ दिनों के इलाज के बाद एक दिन जब
उस चिकित्सक को लगा कि लड़के में कुछ सुधार हो रहा है तो उसके परिजनों को बुलाकर
सबके सामने लड़के का परीक्षण किया गया.
चिकित्सक ने लड़के से पूछा कि कैसा लग रहा
है?
लड़के ने बड़े ही शांत भाव से जवाब दिया कि
अच्छा लग रहा है. यह जवाब सुनकर सभी परिजन प्रसन्न हो गए क्योंकि आज के पहले अभी
तक वह लड़का किसी भी बात का एक ही जवाब देता था कि गुलेल बनाऊंगा चिड़िया मारूँगा.
इस एक सवाल के बाद चिकित्सक ने पूछा कि
अब अच्छा लगने के बाद क्या करोगे?
लड़के ने कहा कि अब अपनी छूटी हुई पढ़ाई
करूँगा.
चिकित्सक - पढ़ने के बाद क्या करोगे?
लड़का – अच्छी सी नौकरी करूँगा.
चिकित्सक – नौकरी करने के बाद क्या
करोगे?
लड़का – खूब पैसे कमाऊंगा.
लड़के के परिजन बहुत प्रसन्न हुए.
उन्होंने इससे पहले कभी इस तरह लड़के को जवाब देते नहीं सुना था.
चिकित्सक ने आगे जानना चाहा – खूब पैसे
कमाकर क्या करोगे?
लड़का – विदेश जाकर नौकरी करूँगा, वहां
खूब धन कमाऊंगा, नाम करूँगा.
चिकित्सक – फिर?
लड़का – फिर विदेश की किसी लड़की से शादी
करूँगा.
चिकित्सक – शादी करके क्या करोगे?
लड़का – फिर उसके साथ हनीमून पर जाऊंगा.
उसके साथ सुहागरात मनाऊंगा.
चिकित्सक – कैसे?
लड़का – पहले एक-एक करके अपने कपड़े
उतारूंगा, फिर उसके कपड़े उतारूंगा. उसकी ड्रेस उतारूंगा. अपनी शर्ट उतारूंगा, फिर
उसकी ब्रा खोलूँगा. अपनी पैंट उतारूंगा फिर उसकी पैंटी उतारूंगा.
अब तक चिकित्सक सहित सभी परिजन बहुत उत्साहित
हो चुके थे. सब प्रसन्न भी थे. उसी समय चिकित्सक ने आगे पूछ दिया कि कपड़े ही
उतारते रहोगे या आगे भी कुछ करोगे. यह सुनकर लड़का बोला – करूँगा-करूँगा, आगे भी
करूँगा.
चिकित्सक – क्या?
लड़का बोला – जो पैंटी उतारूंगा, उसकी
इलास्टिक निकालूँगा उससे गुलेल बनाऊंगा, चिड़िया मारूँगा.
ऐसा सुनते ही चिकित्सक और सभी परिजन अपना
सिर पकड़ पर बैठ गए.
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