31 अक्टूबर न
केवल देश के लिए बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए ऐतिहासिक दिन रहा है. इस दिन विश्व
की सबके ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण किया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा
गुजरात के नर्मदा जिले में स्थापित सरदार बल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊँची प्रतिमा का लोकार्पण किया गया. ये गर्व की बात है कि जिन सरदार
पटेल के प्रयासों से देश की आज़ादी के तुरंत बाद पाँच सौ से अधिक रियासतें देश में
शामिल होने को तैयार हुईं, उनको आज तक पर्याप्त सम्मान न मिल सका. वर्तमान केंद्र
सरकार ने सरदार साहब की प्रतिमा के बारे में न केवल विचार किया वरन रिकॉर्ड समय
में उसका निर्माण करवाकर देश की जनता को लोकार्पित भी करवा दिया. ये अपने आपमें
इसलिए गौरव का विषय है कि इससे पहले सभी सरकारें सरदार पटेल के योगदान को याद करती
रहीं मगर किसी ने आगे बढ़कर उनको सम्मानित करने का मन नहीं बनाया. वर्तमान केंद्र
सरकार ने न केवल इस बारे में विचार किया बल्कि आमजन को इससे जोड़ा. यही कारण है कि
इस प्रतिमा के निर्माण के लिए देश भर से लोहा एकत्र हुआ. स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी दीवार
के लिए सभी राज्यों की मिट्टी एकत्र की गई. सरदार पटेल की प्रतिमा पर अर्पण करने
के लिए देश भर की नदियों से जल एकत्र किया गया.
आज़ादी के इतने लम्बे
समय बाद सरदार बल्लभ भाई पटेल को सम्मान मिला है वह गौरव का विषय है. ये इसलिए भी
महत्त्वपूर्ण है क्योंकि अब जब भी वैश्विक स्तर पर सबसे ऊंची प्रतिमा की चर्चा
होगी तो उसके लिए देश का नाम लिया जायेगा. इसके साथ-साथ सरदार बल्लभ भाई पटेल का
नाम लिया जायेगा. ये अपने आपमें गौरवान्वित करने वाला विषय है.
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