आज, ३१ जनवरी २०१८ की पूर्णिमा उन सभी के लिए विशेष है जो किसी न किसी रूप में ख़ुद को प्रकृति से जोड़कर चलते हैं. आज पूर्णिमा के साथ-साथ पूर्ण चन्द्रग्रहण भी होने जा रहा है. चन्द्रग्रहण हो या फिर सूर्यग्रहण, हम भारतवासियों के लिए यह सदैव विशेष रहा है. सूर्य, पृथ्वी, चंद्रमा की गति, स्थिति के परिणामस्वरूप बनने वाला ग्रहण भारत में अनेकानेक विश्वासों, परम्पराओं का केंद्रबिंदु रहता है. राहु-केतु की पौराणिक कथाओं के मध्य हम भारतीय ग्रहण को धार्मिक मान्यताओं से जोड़कर चलते हैं, वहीं पश्चिमी सभ्यता के लोग इसमें भी आनंद, उमंग, पिकनिक का ज़रिया खोज लेते हैं.
आज का चन्द्रग्रहण भी कुछ इसी तरह की स्थिति से दो-चार होने वाला है. सूर्य गति पर आधारित ग्रेगारियन कैलेंडर के अनुसार यदि किसी माह में दो पूर्णिमा, फ़ुल मून की स्थिति बनती है तो दूसरी पूर्णिमा यानि कि फ़ुल मून को ब्लू मून कहते हैं. चन्द्र गति पर निर्धारित भारतीय कैलेंडर में ऐसी स्थिति आनी सम्भव ही नहीं है. इस बार की पूर्णिमा या कहें कि फ़ुल मून ब्लू मून की स्थितिमें है. ऐसा माना जाता है कि एक तो ब्लू मून की स्थिति बहुत कम बनती है और उस पर चन्द्रग्रहण, ऐसा संयोग इस बार १५२ वर्षों के बाद बन रहा है.
इसके अलावा माना जा रहा है कि इस पूर्ण चन्द्रग्रहण के समय चाँद लाल, नारंगी और नीले रंग में अपनी कलाओं का प्रदर्शन करेगा. कहते हैं ऐसा ३७ वर्ष पूर्व हुआ था. आज भारतीय समयानुसार प्रातः सात बजे के बाद से सूतककाल आरम्भ हो चुका है. इस दौरान पूजा-पाठ आदि नहीं होते हैं. वैसे शाम ५:१८ बजे से आंशिक चंद्रग्रहण लग जाएगा. यह शाम ६:२० बजे से रात ७:३८ बजे तक पूर्ण चन्द्रग्रहण की स्थिति में रहेगा. रात ८:४१ बजे पर इसका आंशिक ग्रहण समाप्त होगा किंतु चाँद को ग्रहण से पूर्ण मुक्ति रात ९:४० बजे मिलेगी.
जो भी हो, आज रात राहु-केतु कथाओं वाले लोग हवन-जाप कर शांति की कामना करेंगे, वंस इन ए ब्लू मून वाले उसका आनंद उठाएँगे, हम उठाएँगे अपना कैमरा और अपने पूनम के चाँद को, उनके ब्लू मून को दिल में उतार लेंगे.
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सुरैया और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंकोई कुछ भी कहे पर अपने अभिभावकों के बीच आ पड़ने से ही चंद्र का मुंह लाल हुआ था....:-)
जवाब देंहटाएंIts such a wonderful post, keep writing
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