12 दिसंबर 2012

समय को नियंत्रण में लेने की कवायद



            12-12-12 का अद्भुत संयोग किसी नक्षत्र, किसी ग्रह, किसी तारे के कारण नहीं वरन् हम मनुष्यों द्वारा बनाये गये कैलेण्डर के कारण सामने आया है। यह इस कारण से विशेष, अद्भुत और ऐतिहासिक है कि यह संयोग इस सदी का अंतिम संयोग है और ऐसा पूरी एक सदी के बाद सामने आने वाला है। यह और बात है कि तकनीकी को अपने नियन्त्रण में समझने वाला मनुष्य कहीं न कहीं इसी तकनीक के द्वारा समय को भी नियन्त्रण में लेना चाहता है। 12-12-12 के इस संयोग में बहुत से माता-पिता अपने बच्चों का जन्म भी करवाना चाह रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में भी ऐसे संयोगों में बहुतेरे माता-पिताओं ने ऑपरेशन के द्वारा बच्चों को समय से पूर्व ही इस संसार से परिचित करवा दिया था।

            आदिमानव से मानव और फिर मानव से महामानव बनने की चेष्टा में मनुष्य ने तकनीक का विस्तार तो किया ही किन्तु उसी तेजी से अपने अंधविश्वासों में भी वृद्धि कर ली। 12-12-12 के इस क्षण को अकारण अंकशास्त्र से, ज्योतिष से जोड़कर इसके लाभ-हानि का आकलन किया जा रहा है। समझने वाली बात है कि मनुष्यों द्वारा बनायी गई इस गणनाविधि को लाभ-हानि से, मनुष्य के जीवन पर उसके अच्छे-बुरे प्रभाव से कैसे जोड़ा जा सकता है? 21वीं सदी की बात करने वाला इंसान, चांद को अपने पैरों तले रौंदने वाला इंसान, अंतरिक्ष में आये दिन सैर-सपाटा करने वाला इंसान कितनी आसानी से चन्द तारीखों के संयोग में अपने आपको नियन्त्रित कर लेता है। देखा जाये तो किसी न किसी रूप में उसका इन तिथियों के नियन्त्रण में आना कहीं न कहीं समय को नियन्त्रित करने की कवायद भर है।

            किसी भी विशेष तिथि पर, किसी भी विशेष संयोग पर अपने जीवन की महत्वपूर्ण से महत्वपूर्ण और साधारण से साधारण घटना को जोड़कर इंसान जीवन भर के लिए उस समय विशेष को अपनी कैद में कर लेना चाहता है। यह किसी भी मायने में बुरा अथवा गलत नहीं है किन्तु कई बार इस समय को नियन्त्रण में लेने के लिए उसके द्वारा उठाये गये कदमों से एक प्रकार की निरर्थकता दिखती है। बहरहाल, प्रत्येक इंसान की अपनी-अपनी कार्यशैली और अपनी-अपनी सोच होती है। उसी के द्वारा वह स्वयं ही अच्छे और बुरे का निर्णय लेता है। इंसान के निर्णयों को इंसान पर ही छोड़ते हुए हम बिना किसी अंकशास्त्र के, बिना किसी ज्योतिष की गणना के स्वयं को इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनाकर अपने आपको समय के नियन्त्रण में कर रहे हैं; समय को भी अपने नियन्त्रण में करने का प्रयास कर रहे हैं।

            12-12-12 के इस ऐतिहासिक संयोग के साक्षी बनने के साथ-साथ हम 12:12:12 के संयोग के भी साक्षी बन रहे हैं। 12-12-12/12:12:12 के इस ऐतिहासिक पल की साक्षी रहेगी हमारी यह पोस्ट। आइये हम सभी इस ऐतिहासिक पल का स्वागत करें, कोई अच्छा सा काम करें और जिन्दगी भर के लिए इस सदी के इस पल को अपने नियन्त्रण में कर लें।
+++++++++++++++
चित्र गूगल छवियों से साभार 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें