29 मई 2011

अनशन से भ्रष्टाचार दूर होने से रहा


अनशन पर अड़े बैठे हैं बाबा रामदेव...उनकी सार्वजनिक घोषणा कि उन्हों ने अना हजारे से सात साल पहले से भ्रष्टाचार पर आन्दोलन शुरू किया था क्या सिद्ध करती है?

देश में सिर्फ अनशन करने से ही काला धन वापस आएगा या फिर भ्रष्टाचार मिट जायेगा?

क्या भ्रष्टाचार के लिए सिर्फ और सिर्फ सरकार ही दोषी है?

सवाल सुरसा की तरह विस्तार लिए हैं पर हम हिन्दुस्तानी इसी में खुश हैं कि अब एक और बाबा अनशन की तयारी में जुट गया है. हम अभी भी किसी न किसी रूप में भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. इसके बाद भी पूरे दम और दंभ से कहते हैं आइये भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण करें.


चित्र गूगल छवियों से साभार लिया गया है....इस चिन्ह का प्रयोग करना आम आदमी को वर्जित मन गया है....इसका किसी तरह से निजी हित के लिए उपयोग नहीं किया गया है.....कृपया इसे अन्यथा लिया जाए.....

6 टिप्‍पणियां:

  1. हम चाहते तो है कि इस देश में इमानदार और देशभक्त लोग पैदा हो पर अपने घर में नहीं पडौसी के घर में |
    जब तक यही मानसिकता भारत में रहेगी तब तक इस देश का उद्दार नहीं होगा | और भ्रष्टाचार तो इस देश से कहीं नहीं जाने वाला |
    अन्ना ने अनशन किया क्या हुआ ? वो भी छद्म सेकुलर गिरोह का दल्ला निकला |

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  2. अनशन को उद्देश्य सोई भावनाओं को जागृत करना है ...वो हो जाये तो काम आगे बढ़े.

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  3. बाबा रामदेव भी भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, अन्ना भी लेकिन दोनों साथ नहीं. क्यों? अनशन से कुछ नहीं होगा यदि जानता साथ ना दे तो और जानता खुद भ्रष्ट होती जा रही है. गरीबों को अलग कर के देखें तो.

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  4. asma chhune ki jo hasrat puri hoti,par jane ki tamanna bhi na adhuri hoti.

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