शर्म तो उन्हें आने से रही, कम से कम हम लोगों को तो आनी चाहिए। वे तो कुछ कहते-करते नहीं हम ही उनकी जान सांसत में अटकाये रहते हैं।
अरे क्या हुआ जो कसाब की सुरक्षा में 200 कमांडो लगे रहते हैं?
क्या हुआ जो उसकी सुरक्षा में 20 करोड़ का खर्चा कुछ माह के दौरान ही हुआ?
सोचिए कि क्या कोई नेता ऐसा है जिसकी सुरक्षा में 200 कमांडो लगे होंगे?
अब जागो सरकारों के नुमाइंदे...जितने सबूत पाकिस्तान के खिलाफ उससे उगलवा सकते थे, उगलवा लिये होंगे। अब किसी दिन जेल में करवा दो बवंडर और हो जाने दो जेल में एक और कैदी की हादसे में मौत।
रही देश की छीछालेदर की स्थिति तो जो छीछालेदर हमारे नेताओं ने करवाई है, उससे कम ही होगी। जितनी छीछालेदर हमारी मीडिया करवा देता है, उससे कम ही होगी। जितनी छीछालेदर विकीलीक्स वाले कर चुके हैं उससे कम ही होगी। तो फिर सुरक्षाकर्मियो हो जाओ जागरूक देशहित में और हो जाने दो जेल में हंगामा।
शेष हमारी शुभकामनाएँ देश के साथ ही हैं पर डर लगता है कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो कहीं कल को बोलना न पड़ जाये ‘‘हमारा नेता कैसा हो, कसाब भैया जैसा हो।’’
चित्र गूगल छवियों से साभार
‘हमारा नेता कैसा हो, कसाब भैया जैसा हो।’
जवाब देंहटाएं-यदि कल को ऐसा नारा सुनाई पड़े तो कोई आश्चर्य नहीं..हालात कुछ ऐसे ही कर डाले हैं..
sahi re sahi !
जवाब देंहटाएंजब तक इस देश में छद्म सेकुलर गिरोह का राज रहेगा यही सब होता रहेगा | इस गिरोह ने राष्ट्रिय स्वाभिमान को वोट बैंक के लालच में गिरवी रख दिया है | और सबसे ज्यादा तो बेवकूफ इस देश की जनता है जो फिर इसी गिरोह को आँख मूंद कर वोट देती है कोई पार्टी के नाम पर,कोई जात के नाम,कोई धर्म के नाम पर |
जवाब देंहटाएंaap thode din ruk jaiye, hum hi log kasaab ko ek din vote dekar apna neta chunenge
जवाब देंहटाएंहमारा नेता कैसा हो ?
जवाब देंहटाएंकसाब जैसा हो।
.
.
.
हमारे नेता ऐसे ही हैं भी।
जनता तरह-तरह से मरती रहती है और वे मानते हैं कि हमारी नियति यही है।
http://hbfint.blogspot.com/2011/05/10.html