कल 15 तारीख को पूरे उत्तर प्रदेश ने कांशीराम का जन्मदिन मनाया। बसपा के जन्मदाता के जन्मदिन पर बसपा नेताओं ने बयान दिया कि मायावती को प्रधानमंत्री बनाना ही कांशीराम जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। हो सकता है कि यह सही हो पर इसी समय एक बात दिमाग में आई कि हमारे राजनेताओं ने कैसे स्वार्थपूर्ति की खातिर देश के महापुरुषों को हाशिये पर खड़ा कर दिया है।
ऐसा सिर्फ कांशीराम के साथ ही नहीं हो रहा है आप किसी भी व्यक्ति को देखिये उसके साथ उसके अनुयायी होने का दंभ भरने वालों का यही हाल है। उनके जन्मदिन पर, जयंती पर नाम-मात्र का कार्यक्रम करवा लेना, उनकी मूर्तियों पर माला-फूल चढ़ा देना, दो-चार अच्छी-अच्छी बातें कर देना ही काफी हो जाता है। ऐसे कार्यक्रमों के अन्त में एक सार्वभौम कथन भी दोहराया जाता है कि फलां व्यक्ति के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। अरे! प्रासंगिकता है तो कहां है और किसके लिए है?
कांशीराम के जन्मदिन पर बसपा ने क्या-क्या किया, यह हमारी इस पोस्ट का मन्तव्य नहीं है, हमारा तो मन्तव्य यह है कि यदि हम मानते हैं कि हमारे महान व्यक्तियों के विचारों की प्रासंगिकता हमारे लिए आज भी है तो हमें उन विचारों का पालन करना चाहिए पर ऐसा हो नहीं रहा है।
इधर एक और समाचार पढ़ने को मिला कि अब हमारे सांसद महोदयों के लिए विकास-निधि को बढ़ा दिया गया है। अब उन्हें 2 करोड़ रुपये के स्थान पर 5 करोड़ रुपये की निधि प्रदान की जायेगी। इसका अर्थ हुआ कि लोकसभा सदस्य को पूरे समय में 25 करोड़ रुपये और राज्यसभा सदस्य को 30 करोड़ मिलेंगे। यह विद्रूपता तब है जबकि इसी देश का एक प्रदेश विधायक निधि समाप्त करने सम्बन्धी प्रस्ताव सदन में ला चुका है और दूसरी ओर समूचे देश में नेता तक भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में लगे हुए हैं। समझ नहीं आता कि ऐसे भ्रष्टाचार कैसे मिटेगा जबकि सदन को पूरे समय तक चलाने के लिए पहले से ही करोड़ों का इंतजाम कर दिया गया है?
विकास-निधि पर चर्चा आपसे कभी बाद में करेंगे, अभी तो आपको बस इतना बताना है कि हम प्रधानमंत्री बनने की कतार में नहीं हैं।
हम भी नहीं है...
जवाब देंहटाएंकोई टिपण्णी नहीं !!
जवाब देंहटाएंक्या कहूं.
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंआज के प्राधानमंत्री की यदि बात करें तो ...
* स्वाधीनता छोडनी होगी
* स्वाभिमान से समझौता करना होगा।
* हर जगह चुप्पी साधनी होगी।
* देश को लुटते देखने की क्षमता पैदा करनी होगी
* परजीवी बनना होगा
* वोट की ओट में खोट करना सीखना होगा ....
मुझसे नहीं होगा । मैं भी नहीं हूँ कतार में ....
जय हिंद !
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Ham bhi nahin hain ji.
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ब्लॉगवाणी: ब्लॉग समीक्षा का विनम्र प्रयास।
होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं , यह पर्व आपके जीवन में खुशियाँ और उमंग लेकर आये .............
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