12 दिसंबर 2010

चिल्ला-चिल्ला कर हंगामा खडा कर दीजिये, मानवाधिकार का नाम लेकर


आइये मानवाधिकार की चर्चा करें..... आप मानवाधिकार के समर्थक नहीं हैं?

देखिये
आजकल चर्चा करना आसान है, क्या करें क्या न करें इसका बखान करना है, बस।

आप
अमेरिका को नहीं देख रहे सबसे ज्यादा वकालत मानवाधिकार की और सबसे ज्यादा हनन भी अमेरिका के द्वारा। मानव के कल्याण की चर्चा और बम बरसाने में सबसे आगे।

अपना
देश भी कौन स पीछे है, आतंकवादी को पकड़ा नहीं कि मानवाधिकारियों के काम शुरू। खराब खाना दिया नहीं कि सुनो नखरे। जरा भी सख्ती दिखाई नहीं कि मानवाधिकारी खड़े द्वार पर।

गुजरात
के सोहराबुद्दीन जैसा संत भूल गए........अरे वो संत नहीं होता तो क्या उसके एक मामले को लेकर पूरी सरकार परेशान हो गई होती?

बस
हमें भी इसी तरह चर्चा करनी है। परेशान न होइए। खूब सताइए गरीब को, मजदूर को, मासूम को, बच्चों को और मंच मिले तो चिल्ला-चिल्ला कर हंगामा खडा कर दीजिये, मानवाधिकार का नाम लेकर।



चित्र गूगल छवियों से साभार

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