यह हमारी पांच सौवीं पोस्ट है। पिछले ढाई वर्ष के ब्लॉग सफर में कुछ खट्टे और कुछ मीठे पल सामने आये। कुछ ने परेशान किया और कुछ ने हैरान किया, हां सहयोग करने वाले स्वर भी दिखाई दिये। कहा जाये तो पिछले ढाई वर्षों का सफर मजेदार रहा, बहुत कुछ सीखने को मिला।
पांच सौ पोस्ट लिखने के बाद भी एक अधूरापन सा है। अभी भी लगता है कि जो लिखने अथवा जो करने की चाह में ब्लॉग संसार में आये थे वह पूरा नहीं हो सका है। अपने इस लेखन के दौरान कई बार लगा कि अब ब्लॉग लेखन को बन्द कर दिया जाये। ऐसा क्यों लगा इसके पीछे कई कारण रहे। समाज का ढांचा यहां भी अपनी पूर्ण उपस्थिति देता दिखा। समाज की कलुषित चालबाजियां, बयानबाजियां, भेदभाव, दोषारोपण आदि-आदि सब कुछ यहां भी दिखाई दिया।
इनके साथ-साथ गाली-गलौज वाली स्थितियां भी दिखाई दीं, पोस्ट चोरी करने की स्थिति भी दिखी। लोगों का आपसी तनाव इस हद तक दिखा कि यदि कम्प्यूटर के बाहर मिलना सम्भव हो पाता तो शायद मारपीट की नौबत आ जाती, या फिर इससे भी आगे जाकर जो स्थिति बन सकती थी वो बनती। इन सब घटनाओं और हालातों ने मन को उचाट कर दिया।
कुछ दिनों ब्लॉग लेखन बन्द कर दिया पर फिर हिन्दी भाषा के लिए, साहित्य के लिए कुछ करने की सोच कर वापसी भी की किन्तु हम इस तरफ भी कुछ नहीं कर पाये। आज आंकड़े के रूप में संख्याबल को 500 पर पहुंचा दिया किन्तु अभी बहुत कुछ करना बाकी है। प्रयास तो आगे यही रहेगा कि कुछ सार्थक किया जाये। रोजमर्रा के हालात तो ऐसे हैं कि इन पर कितना भी लिखो किन्तु लोगों के कान में जूं रेंगने से रही। अपने को क्यों परेशान किया जाये, बस वही लिखा जाये जो सार्थक हो और समाजोपयोगी हो।
आगे प्रयास तो यही रहेगा, बाकी तो आगे तय होगा।
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विशेष--
वर्ष 2003 में एक कविता लिखी भी स्व0 हरिवंशराय बच्चन को श्रद्धांजलि स्वरूप। इसमें उनकी कुछ कृतियों के नामों को आधार बनाया था। आप भी गौर फरमायें---
जीवन में एक सितारा था वह,
मानो बेहद प्यारा था वह।
‘हलाहल’ का खुद पीकर प्याला,
वह सबको बांट गया ‘मधुशाला’।
‘मिलन-यामिनी’ निर्मित करने को,
‘एकांत संगीत’ सृजित करने को।
‘मधुकलश’ का वह मतवाला,
‘मधुबाला’ को ले आया मधुशाला।
‘आकुल अन्तर’ आज मिटा दो,
उठा लवों से आज लगा लो।
‘प्रणय पत्रिका’ न रहे अधूरी,
‘निशा निमन्त्रण’ देती मधुशाला।
‘नीड़ का निर्माण फिर’ करने को,
‘टूटी फूटी कड़ियां’ फिर गुनने को।
‘क्या भूलूं क्या याद करूं’ अब,
आती याद फकत मधुशाला।
बहुत बहुत बधाई..यह सफर अनवरत यूँ ही चलता रहे..शुभकामनाएँ...
जवाब देंहटाएंबेटियाँ बहुत प्यारी हैं..अनेक आशीष.
बहुत बहुत बधाई..यह सफर यूँ ही चलता रहे..शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और आगे के सफ़र के लिए बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएं५०० वीं पोस्ट पर बधाई ...शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई हो.
जवाब देंहटाएंपाँच सौ पोस्ट पर हार्दिक बधाई .यह लेखन के प्रति आपके समर्पण .सामाजिक मुद्दों पर आपकी संवेदनशीलता एवं जागरूकता का परिचायक है ..
जवाब देंहटाएंBadhaai chacha ji..
जवाब देंहटाएंdoktr saahb 500vin post pr hardik bdhaayi mubarkbad. akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंमेरी ओर से 500 बधाईयॉं।
जवाब देंहटाएं---------
ग्राम, पौंड, औंस का झमेला। <
विश्व की दो तिहाई जनता मांसाहार को अभिशप्त है।
५०० वीं पोस्ट पर बधाई ...शुभकामनायें
जवाब देंहटाएं५०० वीं पोस्ट पर बधाई ...शुभकामनायें
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