01 मई 2010

ब्लॉग जगत में आज हमने कर ली चार सौ बीसी


आखिर आज हो ही गई चार सौ बीसी। बहुत विचार किया था पहले भी कि 420 शब्द आया कहाँ से? इतना तो पता था कि 420 का अर्थ कानून की धारा से लगाया गया है और धोखाधड़ी करने वालों को इसी धारा के अन्तर्गत सजा जैसा प्रावधान होगा।

आज अपनी 420 वीं पोस्ट पर कुछ चार सौ बीसी दिखाने का विचार किया। गूगल पर जाकर इधर-उधर टहल मारी पर ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे मजा आये चार सौ बीसी का। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? ऐसी हालत में ब्लाग जगत के कुछ प्रबुद्धजनों में से प्रमुख श्री दिनेशराय द्विवेदी जी का स्मरण हो आया।

याद आया कि माननीय द्विवेदी जी वकालत से सम्बन्धित हैं तो उन्होंने कभी न कभी तो चार सौ बीस पर प्रकाश डाला होगा। विश्वास के सहारे उनके ब्लाग ‘तीसरा खम्बा’ तक पहुँच गये। बस थोड़ी इधर, थोड़ी उधर क्लिक करनी पड़ी और हासिल हो गया वह सब जो हमें चाहिए था।

उनके हमें दो आलेख पसंद आये, दोनों का लिंक आपके लिए है। आज हमारी यही चार सौ बीसी हुई। नीचे के दोनों लिंक क्रमशः उन्हीं के आलेख हैं, उनकी बिना अनुमति के आभार सहित अपनी चार सौ बीसी के लिए। आशा है कि माननीय दिनेशराय द्विवेदी जी इस चार सौ बीसी के लिए हमें क्षमा कहेंगे और 420 नहीं कहेंगे।



बहुत पहले एक फिल्म आई थी श्री 420। हमें छोटे में भी बहुत पसंद आई थी और आज भी बहुत पसंद है। फिल्म विशेष रूप से पसंद थी उसके गानों के लिए और हमारे हमेशा से पसंदीदा रहे राजकपूर के लिए।

आप भी आज की चार सौ बीसी में ये मधुर गाना सुन लीजिये....

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गाने के वीडियो के लिए you tube का आभार तथा आलेखों के लिए श्री दिनेशराय द्विवेदी जी का आभार

8 टिप्‍पणियां:

  1. कुछ दिन पहले हम भी ४२० बने थे !

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  2. भाई मुबारक हो . हम तो अभी शायद ४२ तक भी नहीं पहुँच पाए की खुद (०) को जोड़ चार सौ बीस कहला सकें .
    पर इतराएँ नहीं ,ब्लॉग जगत में न जाने कितने हैं जो बिना ४२० लिखे भी ' चार सौ बीसी ' किये जा रहे हैं :) .

    लगे रहो .........!

    आपको पढना तो वैसे भी अच्छा ही लगता है .

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  3. अब ये तो बता दीजिए कि इस पोस्ट के लिए साधुवाद द्विवेदी जी को दिया जाए, यू टयूब को या कि आप को :-)

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  4. वह गुरु गाना तो मजेदार है.....लगे रहो...

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