कभी हसरत थी आसमां को छूने की, अब तमन्ना है आसमां के पार जाने की.
बिलासपुर के श्री हरिगोपाल गौड़ की बच्चों को सीख देतीं चिट्ठिया "नानाजी की चिट्ठियां" प्रकाशित की जा रहीं हैं। इन चिट्ठियों से आज भी बच्चे और हम बड़े भी बहुत कुछ सीख सकते हैं। चिट्ठियां इस ब्लॉग पर पढ़ी जा सकतीं हैं।
सार्थक प्रयास!!
बधाई हो!
सार्थक प्रयास!!
जवाब देंहटाएंबधाई हो!
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