बचपन में एक दोहा पढ़ रखा था-
रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून। पानी गये न ऊबरे, मोती, मानुष, चून।। |
---|
आज का दोहा, इसी सन्दर्भ में-
मानुष पानी राखते, बिन पानी सब सून। पानी को भटके फिरें, धरती हो या मून।। |
---|
moon par sab desh mil kar PAANI khoj rahe hain aur dharti par ek doosare ka utar rahe hain
जवाब देंहटाएंबहुत सही।
जवाब देंहटाएंएकदम सटीक नव-दोहा. :)
जवाब देंहटाएंbhaisahab theek kahte hain aap.
जवाब देंहटाएं