02 फ़रवरी 2009

परेशान हर हाल में करेंगे

कुछ लोग होते हैं जिनको हर उस काम में मजा आता है जिसके द्वारा दूसरे लोग परेशान हों। इस तरह के लोग अपने जीवन का एक-एक पल लोगों को परेशान करने में बिता देते हैं।
ऐसा ही एक व्यक्ति था उसे सभी को परेशान करने में बहुत ही मजा आता था. समूचा गाँव उससे परेशान रहता था. अपने अन्तिम समय में जब वह व्यक्ति आया और चारपाई पर पड़ गया तो उसको लगा कि अब वह किसी को परेशान नहीं कर पायेगा।

ऐसा विचार आते ही वह इस तरह की तरकीब सोचने लगा कि कैसे उसके मरने के बाद भी इस गाँव के लोग परेशान रहें। एक दिन जब उस व्यक्ति को लगा कि अब वह मरने वाला है तो उसने उस गाँव के प्रधान को बुलाकर कहा-"मैंने अभी तक, आज तक तुम सब लोगों को बहुत परेशान किया है। अब अपने अंत समय में मैं प्रायश्चित करना चाहता हूँ।"
प्रधान ने उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उसका प्रायश्चित पूछा। उस व्यक्ति ने कहा-"जब मैं मर जाऊं तो मेरे मुंह में लकड़ी का एक खूंटा ठोंक देना. यही मेरा प्रायश्चित होगा."
उस व्यक्ति के मरने के बाद गाँव वालों ने उसके प्रायश्चित के लिए उसके मुंह में लकड़ी का खूंटा ठोंक दिया। उस के क्रिया-कलाप के लिए, अन्तिम संस्कार के लिए अन्तिम यात्रा श्मशान के लिए निकाली गई. उस रास्ते में एक पुलिस थाना पड़ता था. पुलिस वालों ने देखा कि अर्थी में कफ़न उठा हुआ है तो उनको शक हुआ.

पुलिस के अधिकारी ने अर्थी को रोक कर कफ़न खुलवाया तो देखा कि मृत व्यक्ति के मुंह में लकड़ी का खूंटा ठुका है. पुलिस ने सभी को उस व्यक्ति की हत्या करने के आरोप में बंद कर दिया. अब सभी लोग हवालात में थे। परेशान हुए.............बाद में गाँव के कुछ सभ्य, पढ़े-लिखे लोगों के पूरा किस्सा बताने पर उन गाँव वालों को छोड़ा गया.


(इस व्यक्ति जैसी हरकतें क्या पाकिस्तान की नहीं हैं?)

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