बहुत दिनों से सोच रहे थे की अपने कविता संग्रह को ब्लॉग-मित्रों के पढने के लिए लाया जाए. कई बार कोशिश की किंतु कुछ आलस और कुछ दूसरे कामों के कारण मौका नहीं लग सका या कहें कि मौका निकाल नहीं सके. अब बहुत कोशिशों के बाद अपने कविता संग्रह "हर शब्द कुछ कहता है" को आप सबके सामने ला रहे हैं. हालांकि ये प्रयास अभी भी अधूरा ही कहा जायेगा क्योंकि अभी संग्रह की सभी कविताओं को एक साथ ब्लॉग पर प्रकाशित नहीं किया जा सका है. अपनी तमाम सारी व्यस्तताओं के बीच कविताओं को नित्य ही पोस्ट करने की कोशिश होगी ताकि आप साहित्य प्रेमियों को किसी तरह का अवरोध जैसा न लगे।
कविता लेखन में पारंगत नहीं हैं बस एक प्रयास भर है, कैसा है इसका आकलन पुस्तक-पाठक कर चुके हैं अब आप ब्लॉग-पाठकों की बारी है. अच्छी से अधिक इसकी कमियों पर ध्यान दिलाईयेगा जिससे आगामी संकलनों में इन गलतियों को सुधारा जा सके. इस संकलन "हर शब्द कुछ कहता है" की कवितायें एक-एक करके प्रकाशित करेंगे, आप पढिये, आनंद लीजिये और यदी कमी दिखे तो जरूर बताइए. शेष आप लोगों के सामने है...........
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