25 जुलाई 2008

आतंकवाद की तस्वीर

अपनी कतरन बैंक में जानकारियों की कतरनें इकट्ठा करने के लिए पुराने समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएं खंगाल रहा था. इसी खोज-बीन में एक ख़बर पर नज़र गई. एक्सक्लूसिव रिपोर्ट थी "दहशतगर्दी की घटनाओं में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर", ख़बर देख कर चौंकना स्वाभाविक था. एक पल को सोचा कि ये बात तो सही है कि देश में किसी न किसी रूप में आतंकवादियों की करतूतें लोगों की जान लेती रहतीं हैं पर रोज का ये आंकडा होगा इस पर कभी विचार ही नहीं किया था.

दहशतगर्दी की घटनाओं में क्या-क्या होता है, क्या-क्या हो रहा है ये बताने की आवश्यकता मुझे नहीं दिखती, हाँ उन आंकडों को जरूर दिखाना है जो उस समाचार में दर्शाए गए थे।

आतंकवाद से पीड़ित शीर्ष 10 देश

(जनवरी 2004 से 31 दिसम्बर 2007 के बीच)

देश घटनाएँ मरे घायल

इराक़ 17249 38190 71173

भारत 3715 4346 9880

नेपाल 3407 1126 2867

थाईलैंड 2770 1976 3293

अफगानिस्तान 2736 4186 5636

कोलंबिया 2038 1845 2331

पाकिस्तान 1854 2285 5105

इजराइल 1680 191 2604

गाजा-पट्टी 877 174 1088

रूस 867 1344 2650

इन आंकडों से क्या अनुमान निकाला जाए ये तो बाद की बात है पर कभी-कभी लगता है कि क्या सरकार-शासन बिल्कुल नाकारा हो गए हैं क्या? आम आदमी एकदम असुरक्षित हो गया है क्या? सुरक्षा, पुलिस, क़ानून सब क्या मंत्रियों-संतरियों के लिए रह गए हैं?

(सभी आंकड़े समाचार-पत्र अमर उजाला कानपुर से साभार)

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