कभी हसरत थी आसमां को छूने की, अब तमन्ना है आसमां के पार जाने की.
ओलम्पिक के सफर में इस बार ओलम्पिक का सफर-3 । ओलम्पिक की विगत की यात्रा हमें गुदगुदाती है, हंसाती है, रुलाती भी है. इसी यात्रा का मजा लें.
जरुर..
जरुर..
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