11 जनवरी 2012

आन्दोलन की सफलता के लिए जन-संवाद आवश्यक है


टीम अन्ना अब बिना किसी का नाम लिए चुनावी मैदान में उतरने का मन बनाते दिखने लगी है। इसके साथ ही यह भी संकेत मिले हैं कि अन्ना टीम अब जनता से सीधे संवाद कायम करेगी। यह अन्ना टीम का बेहतरीन फैसला कहा जा सकता है। जिस तरह से अभी तक के आन्दोलन में कुछ गिने-चुने लोग ही काबिज रहे उससे कहीं न कहीं जनता का एक बहुत बड़ा वर्ग सड़क पर तो आया किन्तु ऐन मौके पर खुद को ठगा सा महसूस करता दिखा।

आन्दोलन को इस कारण से तमाम लोगों ने समाप्त होना कहा, किसी-किसी ने आन्दोलन को असफल तक कहा। देखा जाये तो आन्दोलन असफल नहीं कहा जा सकता, हां इतना तो अवश्य है कि आन्दोलन कुछ हद तक कमजोर अवश्य ही हुआ है। ऐसे में यह अन्ना टीम का कर्तव्य बनता है कि वह सीधे-सीधे जनता के बीच जाये और संवाद स्थापित करते हुए जनलोकपाल और सरकारी लोकपाल के बीच के अन्तर को स्पष्ट करे। इस बात से शायद ही कोई इंकार करे कि आन्दोलन में सड़क पर उतरी जनता में बहुसंख्यक लोग ऐसे होंगे जिनको अन्ना के लोकपाल और सरकार के लोकपाल के मध्य का अन्तर ही ज्ञात नहीं होगा। इस आन्दोलन के द्वारा लोगों को लगा कि लोकपाल के द्वारा एक ऐसी जादू की छड़ी हाथ में आयेगी जो घूमते ही देश से भ्रष्टाचार समाप्त कर देगी।

अन्ना टीम को कम से कम यह प्रयास तो करना ही चाहिए कि वह जनता से सीधे-सीधे जुड़े। आज भी मीडिया के बीच ही जिन्दा रह गये इस आन्दोलन को छोटे-छोटे शहरों में, कस्बों में छोटे-छोटे से ग्रुप के रूप में जागरूक नागरिक जिन्दा रखे हुए हैं। अन्ना टीम को इन पर दृष्टिपात करने की आवश्यकता है।

इस आन्दोलन के चलते रहने के मध्य भी एकाधिक रूप से ऐसी घटनायें सामने आईं जिनसे स्पष्ट हुआ था कि आन्दोलन से जुड़े लोग भी किसी न किसी रूप में भ्रष्टाचार में लिप्त रहे। कम से कम एक प्रयास इस तरह का होना चाहिए कि सिवाय यह कहते रहने से कि लोकपाल बिल आयेगा और भ्रष्टाचार जायेगालोगों के बीच भ्रष्टाचारियों को उजागर करके जनता के बीच लाना होगा। इस ओर विशेष प्रयास इसलिए भी करना मुख्य होगा क्योंकि चुनावों में मतदान के समय व्यक्ति सब कुछ भूल कर अपनी पसंदीदा पार्टी को, अपनी जाति-धर्म के व्यक्ति को वोट देना पसंद करता है। यदि आन्दोलन के बाद भी इन चुनावों में यही होता है तो निश्चय ही यह अन्ना आन्दोलन की हार कही जायेगी। लोगों को जागरूक करने का कार्य आज भी अन्ना टीम से जुड़े सदस्यों से इतर लोग करने में लगे हैं, अन्ना टीम को, उनकी सहयोगी इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्यों को इनसे सम्पर्क करके इनका सहयोग करना होगा, इनका सहयोग लेना होगा।

वर्तमान में चुनावों के पूर्व ही जिस तरह से धन की पकड़ हो रही है और अभी तक करोड़ो की धनराशि को पकड़ा गया है उससे स्पष्ट है कि इन चुनावों में भ्रष्टाचार अपने चरम पर देखने को मिलेगा। ऐसे में स्थानीय लोगों से मिलकर अन्ना आन्दोलन समर्थक लोगों को इस बात के लिए भी जागरूकता प्रयास करने होंगे कि लोग जाति-धर्म आदि के बहकावे में न आयें और न ही किसी तरह के धनबल के लालच में, दबाव में।

यह स्पष्ट है कि आन्दोलन को आगे भी सफलता के नये मुकाम पर ले जाने के लिए अन्ना और उनकी टीम को जनता से सीधे संवाद की आवश्यकता है।



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