दो कोच में आग- ट्रेन चल रही थी- रात के दो बजे- सभी यात्री सोये हुए- कोई बचाने वाला नहीं- एक भी यात्री घायल नहीं।
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गोधरा में भी ट्रेन के एक कोच में आग लगी थी--
एक कोच में आग- ट्रेन खड़ी थी- शाम का समय- सभी यात्री जाग रहे- बचाने वाले भी मौजूद- सभी 59 की मौत.
कुछ अंदाज़ हुआ आपको या अभी भी किसी और खुमारी में हैं?
दोनों चित्र गूगल छवियों से साभार लेकर जोड़े गए हैं
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कुछ अंदाज़ हुआ आपको या अभी भी किसी और खुमारी में हैं?
दोनों चित्र गूगल छवियों से साभार लेकर जोड़े गए हैं
लगने व लगाने का फर्क...
जवाब देंहटाएंषड़यंत्र और हादसे का फर्क, साथ ही यात्री-यात्री का भी..
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