शान्ति के लिए एक युद्ध आवश्यक है;
निर्माण के लिए ध्वंस आवश्यक है;
प्रकाश के लिए अँधेरा आवश्यक है;
जिंदगी के लिए मृत्यु आवश्यक है..................
ऐसा बहुत कुछ है जब कि अच्छे के लिए बुरा होना आवश्यक है।
ये किसी तरह का गीता सार नहीं, किसी तरह के प्रवचन नहीं बस एक चेतना लाने की पहल है. आप सबको लग रहा होगा कि पहल किसी व्यक्ति या संस्था के लिए होगी पर ऐसा नहीं है इस बार ये पहल एक देश के लिए है. पहल उस देश के लिए जिसके ऊपर हमले पर हमले होते जा रहे हैं और वह अपनी चेतना को भुला कर बस शान्ति-शान्ति का राग आलापने में लगा है. ये देश है हमारा प्यारा भारत देश, जिसकी शान में हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान ने बहुत बार गुस्ताखी की है और हमारे देश के कुछ महानायकों ने अपना पाक-प्रेम दिखा कर उसकी हर गुस्ताखी को माफ़ कर दिया है.
माफ़ी के इन बहुत सारे दौरों के मध्य कुछ गुस्ताखियाँ इस तरह की हुईं हैं कि उन पर माफ़ी नहीं "फांसी" की जरूरत महसूस हुई. इन गुस्ताखियों में संसद पर हमला और अभी मुंबई के हमले को शामिल किया जा सकता है. संसद पर हमले और इधर मुंबई के हमलों ने स्पष्ट रूप से साबित किया है कि इनके पीछे पाकिस्तान का हाथ है पर हम हर बार की तरह इन गुस्ताखियों पर भी माफ़ी देते दिखे. बहुत से लोग इस देश में ऐसे हैं जो रहते इस देश में हैं और सेवा पाकिस्तान की करते हैं। किसी भी रूप में उनको पाकिस्तान की गलती नहीं नजर आती है.
फिलहाल पाकिस्तान पर बहुत से ब्लॉग पर बहुत से लोगों ने बहुत कुछ लिखा है बस एक बात यहाँ बताना है कि अब देश में शान्ति का रास्ता युद्ध से ही प्राप्त होगा. बुद्धं शरणम् गच्छामि का रास्ता कुछ दिनों के लिए छोड़ कर युद्धं शरणम् गच्छामि की शरण में जाना होगा।
बिल्कुल 10 - 5 लाख लोग मर जायेन्गे, 2-4 करोड परमाणु विकिरण से अपन्ग,बाकी अपने अपनो की बदहाली से सन्त्रस्त ।
जवाब देंहटाएंहर तरफ़ एकदम शान्ति होगी और उस श्मशान मे आप आराम से बीन बजाइयेगा।
हाँ,अगर बच गये तो!!!
यहाँ पर आकर अच्छा लगा. कभी मेरे ब्लॉग पर भी आयें. ''युवा'' ब्लॉग युवाओं से जुड़े मुद्दों पर अभिव्यक्तियों को सार्थक रूप देने के लिए है. यह ब्लॉग सभी के लिए खुला है. यदि आप भी इस ब्लॉग पर अपनी युवा-अभिव्यक्तियों को प्रकाशित करना चाहते हैं, तो amitky86@rediffmail.com पर ई-मेल कर सकते हैं. आपकी अभिव्यक्तियाँ कविता, कहानी, लेख, लघुकथा, वैचारिकी, चित्र इत्यादि किसी भी रूप में हो सकती हैं......नव-वर्ष-२००९ की शुभकामनाओं सहित !!!!
जवाब देंहटाएंहम सब जानते है कि पाकिस्तान में आंतकवाद को प्रश्य दिया जा रहा है। किंतु एेसा तो नही है कि सभी पाकिस्तानी आंतकवादी हों। वहां के लोग भी आंतकवाद के शिकार है।
जवाब देंहटाएंवैसे मेरी राय में युद्ध किसी समस्या का निदान नही। वैसे हमारे नेतृत्व में युद्ध करने की इच्छा शाक्ति भी नही है। हमारे यहां बंद आतकवादियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने का तो नेताआें में बूता नही युद्ध क्या खाक करेंगें। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फांसी की सजा बहाल रहने के बाद अफजाल को कयों दामाद की तरह जेल में रखा हुआ है। क्या नेताआें को इसका इंतजार है कि फिर कोई विमान अपहरण हो आैर आतंकवादी अफजाल को छुडा़कर ले जांए। युद्ध बहुत विनाशकारी होता हैं बंधुं। लंबे समय तक आने वाली पीढियों को भी इसकी सजा भुगतनी होती है।