01 मार्च 2024

डिजिटलाइजेशन के बढ़ते कदम

वर्ष 2016 में जब देश में नोटबंदी या विमुद्रीकरण जैसी आर्थिक प्रक्रिया को लागू किया गया था, उस समय देश के समस्त क्षेत्रों में इस बात को लेकर एक तरह का प्रश्न उभरा था कि सरकार द्वारा इसके सापेक्ष जिस तरह से डिजिटलाइजेशन की पैरवी की जा रही है, वह कितनी सफल रहेगी. यदि उन दिनों की स्थिति का आज आकलन किया जाये तो डिजिटलाइजेशन की सफलता से ज्यादा उसकी स्वीकार्यता को लेकर संशय बना हुआ था. देश के बहुतायत ग्रामीण अंचलों में इंटरनेट की अनुपस्थिति, इंटरनेट होने की स्थिति में उसकी गति का कम होना, डिजिटलाइजेशन के प्रति जनमानस के विश्वास को लेकर भी एक तरह का संशय बना हुआ था. समय के साथ देश की स्थिति में परिवर्तन होता रहा, राजनैतिक-सामाजिक स्थितियों में बदलाव के साथ-साथ आर्थिक बदलाव के दौर को भी देश ने देखा और अर्थव्यवस्था को गति देने में डिजिटल मुद्रा ने अपना प्रभाव दिखाया. सुखद यह है कि देश की आर्थिक गतिविधियों को डिजिटलाइजेशन ने, डिजिटल मुद्रा ने, डिजिटल लेनदेन ने सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है.

 



विमुद्रीकरण के पश्चात् डिजिटल अर्थव्यवस्था की गति सकारात्मक रूप से बढ़ी है. डिजिटलाइजेशन के कारण देश के विभिन्न वर्गों को, विभिन्न क्षेत्रों को, युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर भी मिला. देश में डिजिटल सिस्टम का विकास के पीछे अनेक तत्त्व प्रभावी भूमिका में रहे हैं. इसके लिए सर्वप्रथम सरकार द्वारा ही डिजिटलाइजेशन के लिए लगातार प्रयास करना रहा है. इंटरनेट को बढ़ावा देना, सुदूर क्षेत्रों में इसकी पहुँच बनाना, विद्यार्थियों, युवाओं तक स्मार्टफोन का पहुँचाना भी महत्त्वपूर्ण कदम रहा है. इंटरनेट एण्ड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार देश में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 2025 तक 900 मिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है. इसके साथ-साथ डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे प्रयासों से भी डिजिटल प्रौद्योगिकी बढ़ावा मिला. देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए यूपीआई, यूएसएसडी, भीम आधार, भीम यूपीआई, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, आईएमपीएस, एनईएफटी, आरटीजीएस आदि को सरकारी स्तर पर लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसका एक सकारात्मक प्रभाव यह देखने को मिला है कि न केवल बड़े-छोटे दुकानदार इसका प्रयोग कर रहे हैं बल्कि रेहड़ी वाले, दिहाड़ी रूप में अपना व्यापार करने वाले, ऑटो रिक्शा आदि जैसी सेवाएँ देने वाले भी डिजिटल लेनदेन के द्वारा अपना काम चला रहे हैं.

 

देश में मात्र डिजिटल लेनदेन ने ही यहाँ के डिजिटल सिस्टम को मजबूत अथवा प्रभावी नहीं बनाया है बल्कि सरकार द्वारा डिजिटल क्षेत्र में किये गए सुधारों ने भी यहाँ के डिजिटल तंत्र को सशक्त बनाया है. इसी सशक्त डिजिटल तंत्र की सफलता के कारण ही गत वर्ष अमेरिका और भारत के साथ महत्त्वपूर्ण समझौते हुए थे. इनमें एआई, सेमीकंडक्टर, हाई-परफोर्मेंस कम्प्यूटिंग सहित अनेक क्षेत्र सम्मिलित हैं. यह देश की डिजिटल क्षमताओं का ही प्रभाव है कि अमेरिका की प्रसिद्ध चिप निर्माता कंपनी द्वारा गुजरात में लगभग तीन अरब डॉलर की लागत से चिप असेम्बिलंग, टेस्टिंग, पैकेजिंग आदि का प्लांट लगाया जा रहा है. इसके साथ-साथ भारत की अध्यक्षता में संपन्न जी-20 शिखर सम्मलेन के दौरान सम्पूर्ण विश्व ने डिजिटल इंडिया की क्षमता को, विश्वसनीयता को, प्रतिभा को नजदीक से न केवल महसूस किया बल्कि उसकी सराहना भी की. सरकार के डिजिटलाइजेशन के प्रति गंभीर होने का भाव इसी से समझ आता है कि उसके द्वारा लगातार इस क्षेत्र में सक्रियता के साथ काम किया जा रहा है. गत वर्ष पीएलआई स्कीम-दो को मंजूरी देकर सरकार ने देश में ही कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, टैबलेट आदि के विनिर्माण को प्रोत्साहित किया है.

 

देश में इन उत्पादों के विनिर्माण से निश्चित ही एक तरफ कीमतों में कमी देखने को मिलेगी, दूसरी तरफ डिजिटलाइजेशन के प्रति भी गतिविधियों में तेजी दिखाई पड़ेगी. डिजिटल लेनदेन से जहाँ एक तरफ नकद लेनदेन की निर्भरता कम हुई है वहीं दूसरी तरफ नकली करेंसी से भी बचना हो सका है. इसके बाद भी अभी भी आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा नकद लेनदेन पर निर्भर है. सरकार का निरन्तर प्रयास यही है कि देश के नागरिक डिजिटल लेनदेन का अधिक से अधिक उपयोग करें. इसके लिए सरकार को कुछ और कदम भी इस तरफ उठाने की आवश्यकता है. व्यापारियों, नागरिकों को डिजिटल भुगतान के तरीकों को अपनाने के लिए उनको प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है. ऑनलाइन भुगतान करने पर व्यापारियों, नागरिकों को कुछ छूट, लाभ दिए जा सकते हैं. व्यापारियों को पॉइंट-ऑफ-सेल टर्मिनल खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान की जा सकती है. अपना बहुतायत भुगतान डिजिटल माध्यम से करने वाले नागरिकों को भी किसी न किसी रूप में लाभान्वित किया जाये. फिलहाल तो देश में डिजिटल लेनदेन अपनी गति से निरंतर आगे बढ़ रहा है. निकट भविष्य में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या और ई-कॉमर्स बाजार में वृद्धि के चलते देश में डिजिटलाइजेशन का भविष्य उज्ज्वल समझ आता है. 





 

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