लॉकडाउन
की हड़बड़ में यही भूल गए कि अभी दो-तीन दिन पहले हमारे ब्लॉग का जन्मदिन निकल गया.
वो तो आज बिटिया रानी के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर चलने वाली तैयारियों के चलते
याद आ गया. हमने अपना ये ब्लॉग मई माह के आरम्भ में बनाया था किन्तु पहली पोस्ट 4
मई को लिखी थी, वर्ष 2008 में. उसी वर्ष, उसी
माह 7 तारीख को हमें कन्या-रत्न प्राप्त हुआ. इसी मई में
ब्लॉग और बिटिया दोनों बारह वर्ष के हो गए. तबसे से लेकर आज वर्ष 2020 तक की बारह साल की ब्लॉग-यात्रा अनेक अनुभवों से समृद्ध कर गई है. अनेक
अनुभव मधुर हुए और अनेक अनुभव तो बहुत ही बुरे रहे. बुरे अनुभवों की पोटली बनाकर
हमने अपने घर के पास बहते नाले में फेंक दी है. उनके द्वारा जो सीखना था, वो उसी
समय सीख लिया था. अब बस अच्छा ही अच्छा अनुभव करते हैं.
इस
अच्छे में एक बात हमें अपने आपमें बहुत सुकून देती है कि हमने ब्लॉगिंग का भरपूर
तरीके से आनंद उठाया, आज तक उठा रहे हैं. उन दिनों जबकि हमने ब्लॉगिंग आरम्भ की तो
पहले-पहल तो समझ से बाहर ही रहा कि लिखने वाली पोस्ट को लोगों तक कैसे भेजा जाये? अपना
ब्लॉग सबके बीच ले जाने की तृष्णा के चलते कई-कई सामूहिक ब्लॉग से भी जुड़ना हुआ.
इसमें भी कई बार खूब जूतम-पैजार हुई. ऐसी स्थिति में कई बार हमने ही ब्लॉग छोड़
दिया और कई बार हमें ही भगा दिया गया. इन सबमें भी खूब मजा आने लगा था.
इसी
मजे में खुद अपना लिखा अपने अन्य परिचितों को पढ़वाने के लिए अनेक मित्रों के,
परिजनों के ब्लॉग बनवाए. लोगों को खूब प्रेरित किया ब्लॉग बनाने को,
लिखने को. कुछ तो गधे से घोड़े बन गए मगर कुछ गधे के गधे बने रहे. हमारे ऐसे मित्र
आज भी उसी गधे की श्रेणी में पड़े हैं, हमारा ब्लॉग देख-पढ़ लेते हैं मगर खुद लिखने
का कष्ट नहीं उठाते. बहरहाल, बिना किसी की सहायता के अपना ब्लॉग बना लेने के बाद,
उसका सञ्चालन उचित ढंग से करने का अनुभव होने के बाद ब्लॉग बनवाने में,
पोस्ट लिखवाने में खुद को तीरंदाज समझने लगे थे. सो खूब तीर मारे. आज
भी मार रहे हैं. अभी इसी माह दो लोगों को ब्लॉग जगत में खींच कर लाये मगर वही ढाक
के तीन पात, उन लोगों ने ब्लॉग बना लिए मगर उस पर लिखना शुरू नहीं किया. जल्द ही
उनको भी इसका चस्का लगवाते हैं.
जब
ब्लॉगिंग करते-करते काफी समय बीत गया, ब्लॉग एग्रीगेटर्स के चलते लोगों की पहुँच
हमारे ब्लॉग तक हो गई, हमारी पहुँच दूसरों के ब्लॉग तक हो गई तो बहुत से लोगों ने
ब्लॉग बनाने के लिए हमसे संपर्क किया. उसी में आज भी एक अनुभव बहुत अच्छे से याद
है. एक बुजुर्ग महिला ने कई-कई दिनों तक देर रात फोन के माध्यम से ब्लॉग बनाने के
बारे में, पोस्ट लिखने के बारे में जानकारी ली. हर बार वे बड़े ही स्नेह से
आशीर्वाद देतीं. आज वे खूब सक्रिय हैं और कई-कई ब्लॉग के द्वारा साहित्यिक, सामाजिक
लेखन में रत हैं.
इसी
कई-कई ब्लॉग में याद आया, उस समय हमें ब्लॉगिंग करते कुछ महीने ही हुए होंगे.
ब्लॉग बनाने, लिखने के बारे में समझ आ गया था. एक-दो सामूहिक ब्लॉग से भी जुड़ गए
थे. एग्रीगेटर से भी सहारा मिल गया था. इसके बाद भी कुछ विषयों में बड़ा संशय रहता
था. हमें लगता था कि विषयवार अलग-अलग ब्लॉग बनाये जाने चाहिए, जिससे लोगों को अपने
मन का ही पढ़ने की सुविधा हो. हमारा मानना था कि ऐसा किये जाने से जहाँ पाठकों की संख्या
बढ़ेगी और लोगों को भी अपने विषय से इतर अन्य पोस्ट देखने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी.
इसकी चर्चा एक दिन हमने किसी पोस्ट के द्वारा करते हुए लोगों की राय माँगी. उसमें
मिली कई-कई टिप्पणियों में एक टिप्पणी आजतक नहीं भूली. किसी ने कहा कि एक
ब्लॉग पर ही अलग-अलग लेवल बनाकर लिखिए. अलग-अलग ब्लॉग बनायेंगे तो आप अखबार बन
जायेंगे. खुद को समेटना मुश्किल हो जायेगा.
उस
समय हम नए-नए ब्लॉगर बने थे सो किसी वरिष्ठ की सलाह को, राय को स्वीकारते हुए अनेक
ब्लॉग बनाने का विचार त्याग दिया. इसके बाद भी हमारा मानना आज भी यही है कि यदि विषयवार
अलग-अलग ब्लॉग बनाये जाएँ, उन पर सम्बंधित पोस्ट को लिखा जाये तो निश्चित ही उसका
प्रसार अधिक होगा. कहते हैं न कि बारह साल बाद तो घूरे के दिन बदल जाते हैं, सो
सोच रहे कि अपने विचार के दिन बदल कर देख लें. वैसे ब्लॉग पोस्ट के हिसाब से भले न
अनेक ब्लॉग बनाये हों मगर अलग-अलग प्रकृति के हिसाब से अनेक ब्लॉग अवश्य बनाये.
फिलहाल
तो आगे क्या करेंगे, क्या नहीं कहा नहीं जा सकता किन्तु अभी यही कह सकते हैं कि ब्लॉगिंग
आज भी रोज करते हैं, आने वाले समय में भी रोज करते रहेंगे.
आप सभी को यह बताने का लोभ संवरण नहीं हो पा रहा कि यह पोस्ट हमारे इस ब्लॉग की 1753वीं पोस्ट है. पहली ब्लॉग पोस्ट से इस ब्लॉग को बारह वर्ष 04 मई को हुए. उस दिन लिखी गई पोस्ट इस ब्लॉग की 1751वीं पोस्ट थी. (क्लिक करिए और देखिये, क्या है ब्लॉग-जन्मदिन पर)
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#हिन्दी_ब्लॉगिंग
बधाई बहुत बहुत
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंबहुत बहुत बधाई, लगातार लिखते रहिए
जवाब देंहटाएंआभार आपका, प्रयास यही है कि निरन्तर लिखते रहें
हटाएंहार्दिक बधाई आदरणीय
जवाब देंहटाएंधन्यवाद भाई
हटाएंपहले तो बधाई ब्लॉग की वर्षगांठ के लिए। आपके अनुभव मुझ जैसे नौसिखियों के लिए लाभदायक हैं ।
जवाब देंहटाएंआभार आपका। हम तो आज तक नौसिखिया ही हैं।
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