14 मार्च 2019

चाइना-चाइना चीखो नहीं, अमल में लाओ


इस समय सब चाइना-चाइना चिल्ला रहे.
बहुत अच्छे से याद है, आज से कोई तीन साल पहले किसी बच्चे के जन्मदिन पर गिफ्ट लेने एक दुकान पर गए. एक गिफ्ट पसंद किया और ले लिया.
बिटिया रानी साथ में थी तो सोचा एक खिलौना उसके लिए भी ले लें. उसको एक खिलौना पसंद आया. उसे लेने के दौरान ही बिटिया रानी की नजर उसमें लगे टैग पर पड़ी, जिसमें लिखा था made in China.
ये देख बिटिया प्रश्न करने की स्थिति में बोली, पापा ये तो चाइना का है? हमारे हाँ बोलते ही उसने कहा कि ये नहीं लेना. उसके बाद हमने बहुत समझाया मगर उसने वो खिलौना नहीं लिया.
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घर में दोस्तों की बैठकी के दौरान चर्चा में ऐसी बातें होती रहती थीं कि चाइना का सामान नहीं लेना है. जबकि बिटिया को कभी ये नहीं कहा कि क्या लेना है, क्या नहीं लेना है, मगर हम दोस्तों की बातचीत से उसके बालमन का निष्कर्ष यही निकला कि चाइना का सामान नहीं लेना है. सो उसने वो खिलौना नहीं लिया.
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तबसे घर पर कोई खिलौना Made in China लिखा तो खरीदा ही नहीं गया और कभी बिटिया को गिफ्ट में ऐसा खिलौना मिला भी तो उसने बिना खेले किसी और बच्चे को दे दिया.
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बाकी चाइना-चाइना चिल्लाने वाले खुद समझें इसे.

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