कभी हसरत थी आसमां को छूने की, अब तमन्ना है आसमां के पार जाने की.
गणतंत्र-दिवस परेड के बाद सेना की टुकड़ियों का वापस यथास्थान जाने का दिन और शानदार, भव्य प्रदर्शन के साथ प्रेरक, गौरवशाली क्षण.
गणतंत्र-दिवस परेड के बाद सेना की टुकड़ियों का वापस यथास्थान जाने का दिन और शानदार, भव्य प्रदर्शन के साथ प्रेरक, गौरवशाली क्षण.
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