जैसी की अपेक्षा थी हमारे केन्द्रीय नेतृत्व कर रहे दल के महासचिव की ओर से मुम्बई बम धमाकों पर कथित धार्मिक उन्माद फैलाने वाली प्रतिक्रिया आ गई। इस बात में कोई आश्चर्य किसी को नहीं होना चाहिए कि उन्होंने मुम्बई बम धमाकों में हिन्दू आतंकवाद अथवा परोक्ष रूप से आरएसएस को कटघरे में खड़ा किया है। जैसा कि वर्तमान में राजनीतिज्ञों का चरित्र होता जा रहा है, कांग्रेस महासचिव उससे इतर नहीं दिखाई देते हैं। उन्हें तो किसी न किसी रूप में अपनी पार्टी के लिए वोटों का इंतजाम तो करना ही है। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि घटना क्या है और उस घटना का आम जनमानस पर क्या प्रभाव पड़ा है, उन्हें तो बस संकीर्ण मानसिकता के चलते लाशों पर से भी वोट खोज निकालने हैं।
विगत कुछ माहों में जिस तरह से उनके द्वारा बयानबाजी की गई है वह हमारे देश में राजनीतिज्ञों की गिरती मानसिकता का परिचायक है किन्तु इस संकीर्णता में वे यह भूल जाते हैं कि हम उस देश के वासी हैं जो सीना ठोंक कर आतंकवाद से निपटने का दम भरता घूमता है।
मुम्बई पर होते लगातार हमले, युवा नेता का बयान कि हमलों को रोकना सम्भव नहीं, महासचिव का बयान कि इसमें हिन्दू आतंकियों के शामिल होने को इंकार नहीं किया जा सकता और इन सब पर केन्द्रीय सरकार का, राज्य सरकार का कोई भी सकारात्मक बयान न आना इन सभी की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। उस पर विद्रूपता यह है कि इन बम धमाकों पर हमारे केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से पड़ोसी देशों के हालातों को सामने रखकर भौंड़ेपन का चित्र प्रस्तुत किया जा रहा है।
कुछ भी हो कम से कम हमलों में हताहत हुए लोगों को आश्वासन देने के स्थान पर इस तरह की बयानबाजी करके आतंकियों के हौसलों को बुलन्द नहीं करना चाहिए। इस समय जरूरत है अपनी सुरक्षा व्यवस्था का आकलन करने की और अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखने की ताकि फिर इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। काश! केन्द्रीय नेतृत्व अथवा कांग्रेस पार्टी इस तथ्य को समझे और अपने फुलटाइम अघोषित प्रवक्ता को इस तरह की ओछी बयाबाजी से रोके।
वोट के लालच में पगला गए है ये कथित सेकुलर लोग
जवाब देंहटाएंऔर दिग्गी तो एकदम बडबोला है|
जवाब देंहटाएंway4host
पगला गये हैं...
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