अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध दिल्ली में अपनी दहाड़ लगाई तो उनके घोष के साथ और भी कई स्वर जुड़ गये। इसी कड़ी में एक स्वर उत्तर प्रदेश के उरई से भी जुड़ा। यहां के नागरिकों में शिक्षक, व्यापारी, किसान, राजनीतिज्ञ, वकील, छात्र आदि बड़ी संख्या में अन्ना के अनशन के साथ जुड़ गये।
प्रातः ठीक 10 बजे से नगर के, जिले के नागरिक एक-एक करके एकत्र होना शुरू हुए। देखते ही देखते एक हुजूम सा तैयार होने लगा। भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरू हुई जंग, लगा कि जैसे अब एक निर्णायक अन्त प्राप्त करेगी। लोग अन्ना के इस अभियान में धर्म, जाति, शिक्षा, वर्ग आदि का भेदभाव भुलाकर एकत्र होने में लगे थे और कंधे से कंधा मिला कर, एक दूसरे की आवाज से आवाज मिला रहे थे।
आश्चर्यचकित करने वाला दृश्य देखकर लग रहा था कि मानो हम फिर से अपने देश के स्वतन्त्रता आन्दोलन को शुरू कर रहे हैं। आज का दृश्य और अभी शाम को टी0वी0 पर अन्ना हजारे के दिल्ली के दृश्य देखकर लगा कि आजादी के आन्दोलन में भी जनता ने कुछ इसी तरह से एकसाथ जुट कर अंग्रेजों को भगाया होगा। आजादी का आन्दोलन में हमारी एकजुटता के बाद यदि कोई आन्दोलन याद आता है तो जयप्रकाश नारायण का आन्दोलन और अब अन्ना हजारे का यह आन्दोलन, जिसने हम सभी को बिना किसी भेदभाव के एक सकारात्मक सोच के प्रति एक कर दिया है।
उरई में शुरू हुई इस लहर से आश्चर्य करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यहां पहले भी सामाजिक परिवर्तन की लहर चल चुकी है और सफलतापूर्वक ही सम्पन्न हुई है। इस कारण से अब भ्रष्टाचारियों को सचेत हो जाना चाहिए कि यह लहर मात्र दिल्ली में ही नहीं उठी है वरन् देश के छोटे-छोटे से हिस्सों से उठी है। यह लहर अब सूनामी बनी तो भ्रष्टाचारियों को उखाड़ कर ही थमेगी।
Ye to bas angdaai hai.. aage aur ladaai hai.. kamar kasni hogi.
जवाब देंहटाएंकुमारेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंमुद्दे से अलग कमेन्ट कर रहा हूँ इसके लिए माफी चाहता हूँ|
आपके ब्लॉग पर आया तो कई बार पर आज पहली बार आपका ब्लॉग खुल पाया है हमेशा आपका ब्लॉग सिर्फ आपकी जो सबसे ऊपर की तस्वीर तक ही खुलता है, उसके बाद कुछ भी लोड नहीं होता |
कुछ समस्या है, शायद कुछ तकनीकी समस्या है, कृपया जांच ले