आपके लिए कुछ चित्र जो हमने अपने मोबाईल से निकाले। इन चित्रों में विशेष क्या है ये तो हम खुद नहीं तय कर पाए पर अच्छे लगे, इस कारण से आप लोगों को भी दिखा रहे हैं.....
वैसे ये हर बार नहीं होता कि कुछ लिख कर ही दिखाया जाए.....अपना एक ये भी शौक है जो कभी-कभी पूरा कर लिया करते हैं.....
जहाँ तक अच्छे लगने कि बात है तो शायद इस कारण अच्छे लगे कि हमने खुद निकाले हैं??? कहते हैं न कि कुंजरिया अपने बेर कभी खट्टे नहीं बताती।
खास बात ये है कि ये चित्र मोटरसाईकिल पर चलते हुए निकले हैं.....एक साधारण नोकिया के 2 मेगापिक्सल कैमरे से।
वैसे ये हर बार नहीं होता कि कुछ लिख कर ही दिखाया जाए.....अपना एक ये भी शौक है जो कभी-कभी पूरा कर लिया करते हैं.....
जहाँ तक अच्छे लगने कि बात है तो शायद इस कारण अच्छे लगे कि हमने खुद निकाले हैं??? कहते हैं न कि कुंजरिया अपने बेर कभी खट्टे नहीं बताती।
खास बात ये है कि ये चित्र मोटरसाईकिल पर चलते हुए निकले हैं.....एक साधारण नोकिया के 2 मेगापिक्सल कैमरे से।
बहुत खूब !!
जवाब देंहटाएंबेर मीठे ही है
जवाब देंहटाएंसुन्दर !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर नज़ारा है ।
जवाब देंहटाएंलेकिन भाई यह पता नहीं चल रहा कि ये तस्वीरें सूर्योदय की हैं या सूर्यास्त की ।
यदि सूर्योदय की हैं तो आपने पहली तस्वीर बाद में लगा दी ।
उन्नयन या अवसान !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्र निकाले चाचा जी...
जवाब देंहटाएंबढ़िया लगे!
जवाब देंहटाएंअसली मीनाकुमारी की रचनाएं अवश्य बांचे
जवाब देंहटाएंफिल्म अभिनेत्री मीनाकुमारी बहुत अच्छा लिखती थी. कभी आपको वक्त लगे तो असली मीनाकुमारी की शायरी अवश्य बांचे. इधर इन दिनों जो कचरा परोसा जा रहा है उससे थोड़ी राहत मिलगी. मीनाकुमारी की शायरी नामक किताब को गुलजार ने संपादित किया है और इसके कई संस्करण निकल चुके हैं.