31 दिसंबर 2008

पुलिस की स्थिति

आज एक कार्यक्रम में जाना हुआ, बोलना भी था. हमारे शहर उरई में एक ट्रस्ट "ज्ञान भारती महिला एवं बाल विकास ट्रस्ट" है जो विगत 27 वर्षों से सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहा है, ट्रस्ट की तरफ़ से इस बार जो कार्यक्रम किया गया वो इस मायने में खास कहा जायेगा क्योंकि इसमें पुलिस वालों को सम्मानित किया गया था. यद्यपि पुलिस बल के जवानों को सम्मान देने की कोई नई परिपाटी ट्रस्ट ने शुरू नहीं की है पर खास इस बात में रहा कि पुलिस वालों को अभी तक सामाजिक संस्थाओं की तरफ़ से सम्मानित नहीं किया जाता रहा. अभी तक देखने में आया है कि पुलिस को पुलिस विभाग की तरफ़ से ही सम्मानित किया जाता रहा है. ज्ञान भारती ने इस वर्ष से एक नई शुरुआत की है, जो सराहनीय है.

पुलिस को लेकर अभी तक समाज में जो धारणा बनी है वो कतई सुखद नहीं है. उनको हर समय लूटपाट करवाने में सहयोगी, आतंक फैलाने वाला और भी न जाने क्या-क्या कहा जाता है. यदि एक पल को पुलिस को आम आदमी की तरह ही देखा जाए और उनकी समस्या को समझा जाए तो शायद आसानी से बात समझ में आएगी. हमारे साथ में और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े रहने के कारण कई बार ऎसी स्थिति सामने आई है कि लगा है कि शायद पुलिस न हो तो आतंक का भयावह रूप हमें देखने को मिले। हम लोग कई बार असफलताओं को देखकर पुलिस को कोसना शुरू कर देते हैं पर हर बार यही सही नहीं होता है.

एक पल को आज की स्थिति में सोचिये कि किसी भी रूप में पुलिस को सुकून नहीं है. यदि अपराधियों को न पकड़े तो जनता नाक में दम कर देती है और यदि पकड़ती है तो सीधे-सीधे किसी राजनेता का फोन पहुँच जाता है. पिछले दिनों हमारे सामने एक घटना घटी जो मारपीट से सम्बंधित थी. उस समय वहां मौजूद दो पुलिस वालों ने अपने आपको छिपा लिया. बाद में हमसे बात करने पर पता लगा कि जो लोग मर रहे थे वे उस शहर के बड़े ही रसूख वाले लोग थे. पुलिस के जवान ने बताया कि यदि वे लोग वहां खड़े रहते तो पुलिस के आला-अधिकारी उन पर दवाब बनाते और डांटते कि उनको रोका या पकड़ा क्यों नहीं. अब जबकि पकड़ लेते तो ऊपर से फोन से धमकाया जाता कि क्यों पकड़ लिया? इससे अच्छा है कि ख़ुद को छिपा लो. इसी तरह और भी तमाम स्थितियां हैं जो पुलिस की परेशानियों को बयां करतीं हैं।

पुलिस की इसी तरह की कुछ अच्छाइयों और बुराइयों के मध्य उनके उन जवानों को सम्मानित किया गया जिन्होंने जनपद जालौन से दस्यु उन्मूलन का वीरता भरा काम किया. इसमें कई जवानों को अपनी जान की बजी तक लगानी पड़ी.

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपको एवं आपके समस्त मित्र सबको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऎं| नया वर्ष आप के जीवन में खुशियों की बाढ लाये|

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  2. पुलिस को सम्मानित करना एक पुण्य का काम है...
    आप को नव वर्ष की शुभ कामनाएं...
    नीरज

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