पहले-पहल मैं सोचा करता था कि आख़िर ऐसी कोई तरकीब तो होगी जिससे अपनी बात को इंटरनेट के माध्यम से सबके बीच में लाया जा सके। चूँकि लिखने का शौक बचपन से था इस कारण हमेशा यही प्रयास करता रहता कि जो भी लिखा जाए वह सबके सामने आ सके। तमाम सारे पत्र-पत्रिकाओं में छपने के बाद इंटरनेट पर आने की अकुलाहट बढ़ने लगी। क्या होगा, कैसे होगा, कब होगा इसी उधेड़बुन में दिमाग दौड़ता रहता। अपने कुछ मित्रों से इस सम्बन्ध में चर्चा की पर परिणाम ज्यों का त्यों रहा।
कई दिनों की इंटरनेट खोज-बीन का परिणाम निकला कि ब्लॉग-लेखन के बारे में पता चला, फ़िर क्या था लगा जिसे अंधे के हाथ बटेर लग गई हो। धनाधन ब्लॉग बना दिया, लिखना भी शुरू हो गया, मजा आने लगा तो विषय के अनुसार अलग-अलग ब्लॉग बना डाले। अपने विचारों के लिए खासतौर से यही ब्लॉग बनाया "रायटोक्रेट कुमारेन्द्र"। एक-दो पोस्ट के बाद लगा कि ये एक अच्छा माध्यम है अपनी बात को अधिक से अधिक लोगों तक ले जाने के लिए, साथ ही हिन्दी लेखन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। कुछ इसी तरह का सोच कर अपने वैभवशाली क्षेत्र बुन्देलखण्ड के वैभव, उसकी शान, उसकी संस्कृति को सामने लाने के उद्देश्य से "बुन्देलखण्ड" ब्लॉग बनाया, जिस पर http://bundeli.blogspot.com/ के द्वारा बुन्देलखण्ड के बारे में देखा-पढ़ा जा सकता है।
इसी तरह साहित्य-प्रेमी ब्लॉग-मित्रों के लिए साहित्य से संबंधित ब्लॉग "स्पंदन" बनाया। इस ब्लॉग में हिन्दी भाषा की साहित्यिक पत्रिका "स्पंदन" में प्रकाशित रचनाओं के साथ-साथ अपनी एवं अपने रचनाकार मित्रों की रचनाओं को स्थान देने का प्रयास है। इस ब्लॉग पर http://sahitykar.blogspot.com/ की सहायता से जाया जा सकता है।
जब ब्लॉग-लेखन की तरफ़ जा रहा था तो लग रहा था कहीं ऐसा न हो कि ये उत्साह या शौक दो-चार दिनों में ही न खत्म हो जाए पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। दिन प्रति दिन इस तरफ़ उत्साह और बढ़ता गया। एक के बाद एक ब्लॉग का बनते जाना इसी का परिणाम है। इसी उत्साह के वशीभूत आज एक और नए ब्लॉग का निर्माण कर दिया है। इस ब्लॉग को नाम दिया है "दस्तावेज़" तथा इस ब्लॉग में वे जानकारियां देने का प्रयास होगा जो हमारे लिए जरूरी होती हैं पर वे हमारे पास अक्सर होती नहीं हैं। इसको ऐसे समझा जा सकता है जैसे हमें सूचना अधिकार का प्रयोग करना है पर नियमावली नहीं है, वेतन आयोग के बारे में चर्चा करनी है पर कोई सामग्री नहीं है, या इसी तरह के अनेक उदाहरण हो सकते हैं। इस तरह की जानकारी यहाँ देने का काम किया जाएगा, वैसे इंटरनेट पर सब उपलब्ध है पर हम लोग आपस में जानकारियां लेने- देने का काम करें तो ज्ञान और बढेगा कम नहीं होगा। "दस्तावेज़" को http://dastawez.blogspot.com/ की मदद से देखा जा सकता है।
वाकई कमाल है ब्लॉग-लेखन, इस बात को इसमें उतरने के बाद ही समझा जा सकता है। अपने ब्लॉग-संसार को विस्तार देने के साथ-साथ अपने मित्रों एवं सहयोगियों को भी इस ओर प्रेरित कर रहा हूँ ताकि हिन्दी ब्लॉग-संसार समृद्ध हो सके एवं हिन्दी लेखन की ओर अधिक से अधिक लोग प्रेरित हो सकें। http://drharshendra.blogspot.com/ से Voice of Harshendra को तथा http://talk2poll.blogspot.com/ के द्वारा Forward INDIA को देखा जा सकता है। ब्लॉग के साथी बढ़ते जायें, लोग आपस में अपने विचार बांटते जायें ऐसा मेरा विचार है। आप लोगों को ये कहाँ तक सही लगेगा पता नहीं पर सोचता हूँ कि सही ही लगेगा।
बहुत सही है, लगे रहिये. अपने मित्रों को जोड़ कर योगदान करिये. अनेकों शुभकामनाऐं.
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