अन्ना तुम वाकई चोर हो....तुम्हारी हकीकत को कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है। देखा नहीं किस तरह तुम्हारी एक-एक संस्था का, तुम्हारे एक-एक ट्रस्ट की कलई खोलकर रख दी गई है। अब किस मुँह से तुम खुद को पाकसाफ कहोगे? तुम तो खुद भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हो। तुम शायद भूल गये थे कि जिस देश में किसी भी रूप में कोई भी पैसा नहीं खाया जाता तुमने वहाँ संस्था के द्वारा पैसे खाने जैसा काम किया।
तुम्हारे दिमाग में एक बात क्यों नहीं आई अन्ना भाउ कि जो लोग इतना बड़ा घोटाला किये हैं कि उसकी बिन्दी लगाने को कहा जाये तो तुम्हारी पूरी उम्र निकल जाये उन बिन्दियों को गिनने में।
एक और बात कि तुम्हारे साथ तुम्हारा परिवार तो है नहीं जो तुम समझते कि किस तरह से भ्रष्टाचार जरूरी है, कितना जरूरी है रिश्वत लेना।
हम वैसे शायद इन बातों पर विश्वास न करते कि तुमने भी भ्रष्टाचार किया है, हम इस बात पर भी विश्वास नहीं करते कि तुमने बचपन में साइकिल से रेड लाइट नियम को तोड़ा है पर इस कारण से विश्वास करना पड़ा कि इन बातों को देश के सबसे प्रतिष्ठित परिवार ने कहा; इस बात को देश की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित पार्टी ने कहा।
अन्ना, तुम तो निपट अकेले हो, हमेशा से अकेले रहे हो इस कारण तुम परिवार का, पार्टी का अर्थ भी नहीं समझते हो। अरे जानते हो गाँधी-नेहरू परिवार को????? ये वही परिवार है जिसके एक व्यक्ति ने देश का प्रधानमंत्री बनने के लालच में देश के दो टुकड़े करवा दिये। जिसने हमेशा अंग्रेजी जीवन-शैली को अपनाया और खुद को देश का सबसे बड़ा भारतीय बताता रहा।
इसी परिवार की एक महिला ने अपनी पुत्र-वधू को सकी गर्भावस्था में घर से बाहर निकाल दिया था और हमने तारीफ में पुल बाँध कर रख दिये। उसी महिला ने देश के लोकतन्त्र की हत्या कर इमरजेंसी लागू की और हमने उसे कहा जीवट महिला। अन्त में हमारे देशवासी चापलूसी करने से बाज नहीं आये, देश की सबसे बड़ी पार्टी चापलूसी करने से बाज नहीं आई तो उसकी हत्या को भी शहादत नाम दे दिया और उस महिला को शहीद का दर्जा। वह विशेष दल भूल गया कि शहीद किसे कहा जाता है।
इसी परिवार से, इसी विशिष्ट दल से एक और व्यक्ति ने पदार्पण किया जिसने अपने भोले-भाले रूप से देश की जनता को लुभाया और अन्त में वह भी शहीद कहलाया। देखा जाये तो इस पार्टी ने शहादत का स्तर बदला, शहीद का स्तर बदला पर तुमने क्या किया। न तुम खुद शहीद हुए और न कोई शहादत की; न तुमने कोई नई चीज स्थापित की और न ही किसी नई चीज को स्वीकार किया।
अब इसी पार्टी की, इसी परिवार की एक और महिला है जो सौभाग्य से इस देश की राष्ट्रपति को, इस देश के प्रधानमंत्री को, इस देश की लोकसभाध्यक्ष को संचालित कर रही है तो तुम्हें चिढ़ होने लगी। अरे उसके बलिदान को देखो, उसने अपने देश को त्याग कर तुम्हारे देश को अपनाया, तुम्हारे देश का वंश चलाने को, इस देश के सर्वोत्तम वंश को चलाने को वारिस दिया और तुम उसका एहसान मानने के बजाय उसी पर भ्रष्टाचार की तोहमत लगाने लगे। अरे विचार करो कि तुमने देश को क्या दिया?
अन्ना तुम वाकई चोर ही हो क्योंकि तुम्हें न तो देश की चिन्ता है और न ही देश के सबसे प्रतिष्ठित परिवार की। यदि इस देश को संचालित करने वालों ने कुछ अरब-खरब के घोटाले कर लिये तो तुम्हारा क्या जा रहा था? इतने बड़े देश को चलाने में यदि कुछ छोटे-मोटे घोटाले हो गये तो तुम्हें क्यों कष्ट होने लगा?
अन्ना तुम अपने गिरेबान में झाँको, यदि देश का सबसे प्रतिष्ठित परिवार कह रहा है, देश की सबसे पुरानी पार्टी कह रही है, उस पार्टी के डागी सिंह जैसा नेता यदि कह रहा है तो तुम किसी भी रूप में साधू नहीं हो सकते हो, तुम निश्चित ही चोर हो, बस चोर ही हो। अब तुम कुछ भी करो पर हम तुम्हारी मानने वाले नहीं। हमें समझ आ गया है कि तुम बड़ा भ्रष्टाचार नहीं कर पाये तो जिन्होंने किया है तुम उन्हें आरोपी बना रहे हो। अन्ना सँभल जाओ...हम तो तुम्हें चोर मान ही चुके हैं बाकी भी मान लें इससे पहले सरकार के ढि़लमुल लोकपाल बिल को स्वीकार कर लो और अपना बुड़ापा सँवार लो। तुम एक घनघोर बुजुर्ग हो इस कारण से तुम्हें समझा रहे हैं वरना बाबा का हाल देखा था...............!!!!
(इस आलेख का मर्म जो लोग समझ गए उन्हें नमन, जो नहीं समझे उनके लिए...ये पोस्ट अन्ना के समर्थन में लिखी गई है)
इत्ते बड़े बड़े प्रतिष्टित लोग झूठ थोड़े न कह रहे होंगे.... :)
जवाब देंहटाएंक्षुब्ध मन से लिखी , तीखा प्रहार करती अच्छी पोस्ट .. जिसने अपने फायदे के लिए सब कुछ किया वो भला अन्ना को छोड़ देंगे ... ?
जवाब देंहटाएंसरकार की बौखलाहट बता रही है कि अन्ना के बढ़ते जन समर्थन से वह किंकर्तव्यविमूढ़ दिख रही है . ..अन्ना जन भावनाओं का प्रतीक बन गये है .. अच्छा व्यंग्य
जवाब देंहटाएंबढिया व्यंग्य ... आपके इस सुंदर सी प्रस्तुति से हमारी वार्ता भी समृद्ध हुई है !!
जवाब देंहटाएंइन्होने तुम्हे पद्मभूषण इसीलिए प्रदान किया था कि तुम उनकी वकालात कर सको लेकिन तुम तो इन्हें ही कानून सिखाने लगे अब तुम पद्म पुरस्कारों के लायक नहीं तुम तो महा भ्रष्टाचारी हो। कितने बड़े मनीषी ने तुम पर आरोप लगाया है, क्या वह झूठ बोलेगा? कैसी सरकार है, जिसका कोई धणी-धोरी नहीं? कुछ लोगों को छुट्टा छोड़ रखा है, शर्म की बात है।
जवाब देंहटाएंऔर लो ताऊओं से पंगा.
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की घणी रामराम.
रामराम
बाप परेशान बेटा से ,देश परेशान नेता से.......
जवाब देंहटाएंआने वाले कल मे नक्सलवाद को न्योता दे रहे हैं ये राजनितिज्ञ..... देश की दशा और दुर्दशा को कोई नही समझ रहा है. एक दिन कोई भगत सिंह ज़रूर आयेगा........