राग अलापना है तो अलापना है। यह बात उसके ऊपर पूरी तरह से सिद्ध होती है जो कुछ भी करने की ठान लेता है फिर चाहे बात बने या बिगड़े। यही बात बहुत हद तक हमारे प्यारे से देश और पड़ोसी अतिप्यारे देश पाकिस्तान के संदर्भ में भी सौ फीसदी सिद्ध होती है।
पहले अपनी एक बात को स्पष्ट कर दें नहीं तो पता नहीं क्या हो जाये। पाकिस्तान अतिप्यारे की श्रेणी में इस कारण से आता है कि हमारे ऊपर वो किसी भी तरह की कार्यवाही करे हम तो उसके साथ शान्ति-शान्ति का राग अलापते रहेंगे। आप कुछ भी कहो मगर हमारे देश के अतिप्रबुद्ध वर्ग को लगता है कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते मधुर होने की चाहिए। बहरहाल............।
अब राग अलापने की बात........फिर शान्ति का, वार्ता का राग अलापा गया और हम तो रह गये सूखा सा मुँह लेकर उन्होंने हमारे मुँह पर ही दे मारा। इसे कहते हैं चोर चोरी से जाये हेराफेरी से न जाये। हमारे कृष्णा जी अपना मुँह खोलने से डरते रहे और उन्होंने धमाके से प्रेस वार्ता करके जता दिया कि वे किसी से नहीं डरते। ऊपर से उन्होंने हम पर आरोप भी जड़ दिया कि हम वार्ता के लिए मन बनाकर नहीं आये थे।
देखा जाये तो पाकिस्तान को लेकर हमारे देश के हुक्मरानों की हालत कुछ-कुछ उस पुरुष जैसी है जिसकी पत्नी है और माँ भी साथ मे रह रही है। विवरण में बताने की आवश्यकता नहीं इस रिश्ते के बारे में आप सभी समझदार हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ कुछ भी बोलने से हमें डर क्यों लगता है? पाकिस्तान किसी एक मुसलमान का नाम नहीं है और हमें याद रखना होगा कि आज जो हालात पाकिस्तान में हैं उनको देखते हुए हमें पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाना ही पड़ेगा।
यहाँ की बात करें तो वर्तमान में देशहित में भी नीतियों का निर्माण वोटबैंक को देखकर होता है। कश्मीर के नाम पर, मुस्लिमों के नाम पर, जम्मू के नाम पर नीतियों से खिलवाड़ करने की यह चाल हमारे देश से सुरक्षा से खिलवाड़ करवा रही है। (वोटबैंक के कारण ही मुलायम द्वारा माफी तक माँग ली गई)
चलिए.......ज्यादा क्या लिखा जाये...इस विषय पर कुछ भी लिखने पर अब बोरियत सी होती है। हम देशवासी तो आये दिन लुटपिट रहे हैं और हमारे सत्ताधारियों को कुछ भी गलत नहीं दिखता है। शायद कसाब के पास अभी भी सबूतों का पुलिन्दा बाकी है, जिसे पाकर हम पाकिस्तान को एकसाथ पूरा का पूरा फतह करेंगे।
सही कहा आपने .....आभार !
जवाब देंहटाएंक्या बात है.....क्यों इस पर अपना दिमाग खर्च करते हो. नेता बैठे हैं इसके लिए. तुम तो कुछ अच्छा सा लिखो.
जवाब देंहटाएंक्या बात है.....क्यों इस पर अपना दिमाग खर्च करते हो. नेता बैठे हैं इसके लिए. तुम तो कुछ अच्छा सा लिखो.
जवाब देंहटाएंआज लगता है हमारा कनेक्शन सही नहीं काम कर रहा या फिर नेट में गड़बड़ है....कहीं टिप्पणी दिख नहीं रही. चलो एक बार बाद में ट्राई करेंगे.
जवाब देंहटाएंआज लगता है हमारा कनेक्शन सही नहीं काम कर रहा या फिर नेट में गड़बड़ है....कहीं टिप्पणी दिख नहीं रही. चलो एक बार बाद में ट्राई करेंगे.
जवाब देंहटाएंतुम क्यों राग अलाप रहे हो. इससे क्या मिलेगा. आज पाकिस्तान ने अपनी आदत के अनुसार यू टर्न मार दिया. कुछ अच्छा लिखो.
जवाब देंहटाएंतुम क्यों राग अलाप रहे हो. इससे क्या मिलेगा. आज पाकिस्तान ने अपनी आदत के अनुसार यू टर्न मार दिया. कुछ अच्छा लिखो.
जवाब देंहटाएंSIR JI AB PAKISTAN SAMASYA NAHIN AB HAMARE DESH KE NETA HI SAMASYA HAIN.
जवाब देंहटाएंAAP KYON BEKAR MEN PARESHAN HAIN. KAHIN BLOG PAR IS SAMBANDH MEN KUCHH LIKHA DEKHA. YE TO HAMNE SWEEKAR LIYA HAI KI PAKISTAN DARD DEGA AUR HAMARE NETA HAMEN TEES DENGE.
Rakesh Kumar
SIR JI AB PAKISTAN SAMASYA NAHIN AB HAMARE DESH KE NETA HI SAMASYA HAIN.
जवाब देंहटाएंAAP KYON BEKAR MEN PARESHAN HAIN. KAHIN BLOG PAR IS SAMBANDH MEN KUCHH LIKHA DEKHA. YE TO HAMNE SWEEKAR LIYA HAI KI PAKISTAN DARD DEGA AUR HAMARE NETA HAMEN TEES DENGE.
Rakesh Kumar
ab bharat pakistan ke mudde media ke liye hain, netaon ke liye hain. ham logon ke liye nahin.
जवाब देंहटाएंsahi kaha aapne
जवाब देंहटाएंsahi kaha aapne, dhyan dene yogya
जवाब देंहटाएंविचारोत्तेजक आलेख।
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