20 अप्रैल 2010

अब आएगा ऊँट पहाड़ के नीचे




आई0पी0एल0 के सेमीफाइनल और फाइनल के दिन पास में आने लग तो उससे जुड़े कुछ लोगों के लिए भी सेमीफाइनल और फाइनल जैसी स्थितियाँ सामने आने लगीं हैं। शशि थरूर को पैगाम मिला और अब ललित मोदी भी फंदे में आते दिख रहे हैं।

(चित्र गूगल छवियों से साभार)

कुछ ऐसा होना भी चाहिए था क्योंकि आई0 पी0 एल0 अपने शुरुआती दिनों से ही खेल की तरह नहीं वरन् एक व्यवसाय की तरह से सामने आ रहा था। हमने इसके शुरू होने के साथ ही केन्द्र सरकार को, कई मंत्रालयों को, आयकर विभाग को तथा कई अन्य जगहों पर पत्र द्वारा इस बात की जानकारी करने की माँग की थी कि आखिर किसी भी टीम के मालिक के पास करोड़ों-करोड़ रुपया आया कहाँ से? कैसे वह कई सैकड़ा करोड़ रुपये लगा कर किसी टीम को खरीदते हैं?

यह सभी जानते हैं कि इस खेल में बहुत ही बड़ा खेल चल रहा होता है। आप स्वयं अनुभव करिए कि जो उद्योगपति, जो फिल्म स्टार, जो नामचीन देश का कोई खेल देखने के लिए, खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए स्टेडियम की तरफ मुँह करना भी पसंद नहीं करते, वह आई0पी0एल0 के मैचों में पहुँचते ही नहीं हैं बल्कि चीख-चीख कर अपने आपको बहुत बड़ा प्रशंसक सिद्ध करने की फिराक में रहते हैं। इस अतिरिक्त प्रेम का कारण क्या सभी लोग नहीं जानते हैं?

बावजूद इसके सरकार का, आयकर विभाग का आँखों पर पट्टी बाँधे रहना नागवार सा लग रहा था। वह तो भला हो थरूर और मोदी के विवाद का जिसने केन्द्र का ध्यान भी इस ओर आकर्षित किया। अब मीडिया की ओर से खबर मिल रही है कि जल्द ही एक टीम मोदी की सम्पत्ति का भी मुआयना करेगी और जाँच के बाद असलियत को सामने लायेगी।

खेल कोई भी खेला गया हो किन्तु खेल की इस व्यावसायिकता में व्यावसायिक खेल के आने से आई0पी0एल0 खेल तो नहीं रहा, हाँ धनकुबेरों की ऐशगाह, मौजमस्ती का केन्द्र जरूर बन गया था। जाँच आवश्यक ही नहीं अनिवार्य थी। ऐसे देश में जहाँ अभी भी कई-कई दिनों तक बिजली दिखाई नहीं देती है, पीने को पानी महीनों नहीं मिलता है, खाने के लिए कितने-कितने जतन करने पड़ते हैं वहाँ चकाचौंध भरी विद्युत व्यवस्था, मिनरल वाटर की छलकती बोतलों के साथ छलकते जाम, एक-एक रन पर तबाह होते लाखों-लाख रुपये हमारे शौक की निशानी कतई नहीं हैं। और तो और इसे खेल भी बिलकुल नहीं कहा जा सकता है।






1 टिप्पणी:

  1. आपका ब्लॉग बहुत अच्छा है. आशा है हमारे चर्चा स्तम्भ से आपका हौसला बढेगा.

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