03 जनवरी 2009

विचार अलग-अलग ब्लॉग का......

नए वर्ष को गुजरे दो दिन हो चुके हैं. कुछ ख़ास नहीं बीता, कुछ बुरा भी नहीं गुजरा. इस बार नए साल की शुरुआत से पहले बहुत सी बातें सोच रखीं थीं कि ये करेंगे, वो करेंगे पर फ़िर वही नापा-तुला हुआ रोज का काम. इधर जो समय और दूसरे कामों से बचता था वो पढने-लिखने में लगा देते थे अब उस समय का कुछ हिस्सा ब्लॉग पर बिता देते हैं. इस बीच अपने कई सारे लेख और दूसरी लेखन सामग्री को ब्लॉग पर लाने का मन बनाया. इसके साथ-साथ हमें ब्लॉग पर आए हुए लगभग आठ माह होने को आ रहे हैं. अब सोचते हैं कि अपनी लेखन सामग्री को अलग-अलग ब्लॉग पर लगाया जाए. कई सारे ब्लॉग इस सम्बन्ध में बना भी दिए हैं और समय के साथ-साथ उन पर लिखा भी जाएगा.

इस ब्लॉग पर अब लगता है किकुछ विशेष पोस्ट ही लिखा करें शेष विषयवार अलग-अलग ब्लॉग पर। हो सकता है कि इससे काम और अधिक बढ़ जाए और आप लोगों को भी अधिक मेहनत करनी पड़े। वैसे हम आपको उस सम्बंधित सामग्री के ब्लॉग की लिंक देते रहेंगे। बहरहाल ये अभी एक विचार है पर क्रियान्वयन कब-कैसे होगा ये अभी भविष्य की बात है।

बहरहाल अभी के लिए इतना ही.......

4 टिप्‍पणियां:

  1. इतना सारा ताम झाम क्‍यों फैलाते हो
    पहले फैलाओगे फिर बटोरोगे
    एक पत्रिका या अखबार क्‍यों नहीं बनाते
    जिसमें सभी कुछ मिलता है
    आपने देखा है न
    अखबार और पत्रिका का धंधा
    सबसे अच्‍छा चलता है और
    होता है चैनलों पर भी यही।

    जहां पर सब गड्ड मड्ड हो
    वहां पर जाने का अपना ही
    अलग परमानंद है
    बाकी जगह तो तलाशना पड़ता
    आनंद मन आनंद दिल आनंद।

    इसलिए मानें मेरी सिर्फ एक ब्‍लॉग बनायें
    अथवा खूब सारे बनायें और खुद ही बिखर जायें
    फिर खुद ही तलाशते नजर आयें।

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  2. भाई हमारे विचार से तो एक ही ब्लॉग भला है ! आपकी स्टाइल तो वही रहनी है चाहे आप कुछ भी लिखें . आगे आपकी मरजी !

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  3. नए साल की शुभकामनाएं...एक से ज्यादा ब्लाग में बहुत गड़बड़झाला है। एक ही ब्लाग में इस तरीके लेबल लगाइये की एक ब्लाग में अनेक ब्लाग नजर आएंगे।
    साथियों की राय पर सोचें...

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