ये तस्वीर अक्सर
सामने आती रहती है. किसकी है, किसने खींची, कहाँ की है
ये जानकारी नहीं.
इस फोटो को देखकर
हर बार एक ही ख्याल मन में उभरता है, (सही या गलत होना अलग बात) कि इस चित्र को विशुद्ध व्यावसायिक उद्देश्य से
खींचा गया है. उसके बाद इसका उपयोग विशुद्ध भावनात्मक रूप से किया जा रहा है. इसके
पीछे का क्या मकसद है, ऐसा
क्यों किया जा रहा है पता नहीं.
ऐसा इसलिए कह रहे
क्योंकि हमारी जानकारी में कोई भी संस्थान जो कृत्रिम पैर बनाता है, जरूरतमंद को उपलब्ध कराता है वो इस पैर को
बिना कवर किये नहीं देता है. इस चित्र में इस व्यक्ति के दोनों कृत्रिम पैर बिना कवर के
हैं.
व्यावसायिक लाभ
लेने के लिए, भावनात्मक फायदा
उठाने की दृष्टि से यदि इस व्यक्ति को कथित रूप में शामिल किया गया है तो हम
व्यक्तिगत रूप से इसकी निंदा करते हैं. अभी इसी माह के आरम्भ में विकलांग दिवस पर
बड़े-बड़े आदर्श बघारे गए. उनको भी ध्यान देने की आवश्यकता है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें