दिनांक 06.05.2024 के इस पत्र को मिलने के बाद कुछ कार्यवाहक ऐसे नाचने में मगन हैं जैसे उनके नाम वसीयत कर दी गई हो. उनसे ज्यादा उनके लगुआ-भगुआ ठुमके मार रहे हैं.
पत्र को पढ़ें, कम से कम जो हिस्से रंगीन किये गए हैं, उनको विशेष रूप से पढ़ें.
==>> आवश्यक/अनिवार्य............. इसका अर्थ क्या निकाला जाये?
==>> प्राचार्यों की नियुक्ति के बारे में दो बार साफ़-साफ़ लिखा गया है. स्पष्ट है कि
कार्यवाहक/अस्थायी टाइप के प्राचार्य उचकने का प्रयास न करें.
==>> पाँच घंटे की बैठकी तो लगभग सभी लोग कर रहे हैं. हाँ, कार्यवाहक प्राचार्य की ही गैंग के कुछ लोग ऐसा नहीं
कर रहे थे. (कहो तो नाम लिख दें?)
==>> बाकी परीक्षा समय में बायोमैट्रिक सम्बन्धी या पाँच घंटे सम्बन्धी कोई नियम इस
पत्र में नहीं है. इसलिए परीक्षा समय में अनावश्यक बकबकाने की कोशिश न की जाये.
==>> और अंत में, यह पत्र किसी तरह
का आदेश नहीं बल्कि प्राचार्य परिषद् के अध्यक्ष/महामंत्री के लिए एक तरह से सूचनार्थ
लिखा गया है. इसके साथ-साथ क्षेत्रीय अधिकारियों को यह पत्र बायोमैट्रिक उपस्थिति और
छात्र-निधि सम्बन्धी निर्गत शासनादेशों का अनुपालन करवाए जाने के सम्बन्ध में लिखा
गया है.
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उक्त के सम्बन्ध में कार्यवाहक प्राचार्य खुद को खुदा
न समझें और कमजोर दिल के प्राध्यापक घबरा कर कार्डियोलोजी में भर्ती होने न चले जाएँ.
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