गूगल अर्थ पर एक क्लिक
ने खोल दी मौत की गुत्थी।
1997 की एक रात। फ्लोरिडा
का रहने वाला 40 वर्षीय विलियम
मोल्ड्ट (William Moldt) एक नाइटक्लब
से अपने घर लौट रहा था। रात करीब 9:30 बजे उसने अपनी गर्लफ्रेंड को कॉल करके बताया कि वह घर के लिए निकल चुका है। लेकिन
वह कभी घर नहीं पहुँचा। न कोई सुराग, न कोई चश्मदीद। बस एक रहस्यमय गुमशुदगी, जो अगले दो दशकों तक बिना जवाब के रह गई।
पर कहानी यहीं खत्म
नहीं होती।
2019: गूगल अर्थ पर
एक क्लिक और खुलता है 22 साल पुराना
राज़
2019 में एक व्यक्ति जो पहले उस
इलाके में रहता था, गूगल अर्थ पर
अपने पुराने मोहल्ले को देख रहा था। वह यूँ ही नज़ारे देख रहा था, ज़ूम इन कर रहा था, जब उसकी नज़र एक तालाब पर पड़ी — और फिर, वह ठिठक गया। पानी के अंदर कुछ अजीब-सा था। वह
किसी कार की आकृति लग रही थी।
शक होने पर उसने यह
तस्वीर स्थानीय लोगों को दिखाई। फिर अधिकारियों को खबर दी गई। पुलिस मौके पर पहुँची
और गोताखोरों की मदद से उस तालाब से एक पुरानी कार को बाहर निकाला गया। कार के भीतर
मानव अवशेष मिले। जब डीएनए परीक्षण हुआ, तो सच्चाई सामने आई — वो विलियम मोल्ड की ही लाश थी।
वो तालाब, जो कभी सुनसान था। जिस तालाब में कार मिली, वह एक रिहायशी इलाक़े के पीछे था। लेकिन जब मोल्ड
गायब हुआ था, उस समय वहाँ कोई कॉलोनी
नहीं बनी थी। यानी वह इलाका सुनसान और विकास से दूर था। समय के साथ वहाँ मकान बन गए,
सड़कें आ गईं, पर तालाब वहीं का वहीं रहा — और उसके भीतर दफन था एक
लापता आदमी का राज।
गूगल अर्थ की तस्वीरों
में 'वो कार' सालों से दिख रही थी
सबसे चौंकाने वाली
बात यह थी कि वो कार, जिसमें मोल्ड
की लाश मिली, गूगल अर्थ की सैटेलाइट
इमेज में कई सालों से दिखाई दे रही थी। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। न कोई ज़ूम
इन किया, न किसी को शक हुआ — जब
तक कि वो एक व्यक्ति यूँ ही नज़ारे देखने नहीं बैठा।
एक अनजाने क्लिक ने
22 साल का रहस्य सुलझा दिया
कभी-कभी एक छोटी-सी
नज़र, एक छोटी-सी खोज, एक गूगल अर्थ पर किया गया ज़ूम — वो कर दिखाता
है जो सालों की पुलिस जांच नहीं कर पाती। विलियम मोल्ड का परिवार आज जवाबों के साथ
जी सकता है, लेकिन यह कहानी हमें
यह भी बताती है कि कितने रहस्य हमारे आसपास ही छिपे होते हैं — बस उन्हें देखने वाली
नज़र चाहिए।
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