04 मई 2024

गैर-भाजपाई दलों का प्रयास

जैसे-जैसे चुनाव के चरण बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे चुनावी रंग-ढंग भी कुछ अलग तरह के नजर आ रहे हैं. गैर-भाजपाई दल लगातार स्वयं को इस तरह से प्रोजेक्ट करने में लगे हैं मानो समूचे चुनावी क्षेत्र में एकमात्र वही बचे हुए हैं. भाजपा के नाम पर इस तरह का दुष्प्रचार किया जा रहा है जैसे कि इस बार उसे नाममात्र की सीटें मिलने वाली हैं.

 

ऐसी स्थिति में देखकर कई बार भाजपा-विरोधियों पर, उनकी सोच पर जबरदस्त हंसी आती है. यदि चुनावी समर को ही देखें तो ये कोई पहला चुनाव नहीं है जहाँ कि भाजपा को अथवा नरेन्द्र मोदी को खुद को साबित करना हो. इससे पहले लोकसभा के दो चुनावों-2014 और 2019 में लोगों ने भाजपा को और नरेन्द्र मोदी को परख लिया है. इसी तरह से उत्तर प्रदेश विधानसभा के दो चुनावों-2017 और 2022 में भी जनता ने भाजपा को निराश नहीं किया है. इन चार चुनावों में भाजपा और मोदी की छवि स्पष्ट रूप से निखर कर सामने आई है. इसके साथ-साथ प्रदेश विधानसभा के दो चुनावों में इन छवियों में  योगी जी की छवि ने अपना सकारात्मक सहयोग भी प्रदान किया है. ऐसे में अब विरोधियों द्वारा किया जाने वाला फोटोशॉप प्रचार महज खानापूरी नजर आ रही है.

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