कसाब को फाँसी, कोली को फाँसी....अब और कोई बचा है? नहीं बचा? चलो कोई बात नहीं...।
देशवासी फैसले आने के बाद प्रसन्न दिखे किन्तु मन में कुछ इसी तरह के विचार उभरे। अब देखिये कि कब तक फाँसी होती है? अभी तो पहले के 29 बकाया हैं, भले ही राष्ट्रपति जी के पास विचाराधीन हैं।
आपको क्या लगता है कि कसाब इतना भोला है कि वह अपनी याचिका राष्ट्रपति जी के पास नहीं पहुँचायेगा? उसे मालूम है कि इस देश के लोग इतने सहिष्णु हैं कि उन पर यह कहावत बिलकुल फिट होती है कि सौ-सौ जूते खायें, तमाशा घुस के देखें। हम कसाब की अर्जी को राष्ट्रपति जी के पास भी पहुँचायेंगे और फिर इन्तजार के पलों में उसकी खातिरदारी भी करेंगे। क्यों कर नहीं रहे हैं, अफजल गुरु की?
फाँसी फाँस बनकर हम भारतीयों के गले में अटकी है, अब इंतजार है कि कब इन कसाइयों की गर्दन में फँसती है।
देशवासी फैसले आने के बाद प्रसन्न दिखे किन्तु मन में कुछ इसी तरह के विचार उभरे। अब देखिये कि कब तक फाँसी होती है? अभी तो पहले के 29 बकाया हैं, भले ही राष्ट्रपति जी के पास विचाराधीन हैं।
आपको क्या लगता है कि कसाब इतना भोला है कि वह अपनी याचिका राष्ट्रपति जी के पास नहीं पहुँचायेगा? उसे मालूम है कि इस देश के लोग इतने सहिष्णु हैं कि उन पर यह कहावत बिलकुल फिट होती है कि सौ-सौ जूते खायें, तमाशा घुस के देखें। हम कसाब की अर्जी को राष्ट्रपति जी के पास भी पहुँचायेंगे और फिर इन्तजार के पलों में उसकी खातिरदारी भी करेंगे। क्यों कर नहीं रहे हैं, अफजल गुरु की?
फाँसी फाँस बनकर हम भारतीयों के गले में अटकी है, अब इंतजार है कि कब इन कसाइयों की गर्दन में फँसती है।
intezaar karte rahiye.........
जवाब देंहटाएंhum bhi yahi kar rahe hain janab !
इससे पहले तो अफजल को दी जानी चाहिये... तुरन्त...
जवाब देंहटाएंकुछ नहीं होने वाला है भईया , आपकी कहावत सौ टके सही हैं ।
जवाब देंहटाएंइन्तजार................इन्तजार ............इन्तजार..........
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