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23 फ़रवरी 2009

भोले शंकर कराएँगे परीक्षा पास

यह खबर निश्चय ही उन लोगों को अधिक सुकून पहुँचायेगी जो अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर बड़े ही चिन्तित रहते हैं। बच्चों को भी निश्चित ही प्रसन्नता देगी जो पढ़ने के नाम पर कचकते हैं। अब परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने के लिए पढ़ने की आवश्यकता नहीं है। अब पास होने के लिए भी इतनी उठापटक करने की आवश्यकता भी नहीं है। नही......नहीं किसी तरह की कोई वैज्ञानिक पद्वति का विकास नहीं हुआ है वरन् चमत्कार हमारी पूजा विधि का है। आपको आश्चर्य लग रहा होगा कि पढ़ाई या परीक्षा के लिए भी पूजा? जी हाँ ये सत्य है.....
दरअसल आज महादेव शंकर का दिन ‘महाशिवरात्रि’ है। तमाम सारे पत्र-पत्रिकाएँ और इलेक्ट्रानिक चैनल भगवान शंकर की आराधना का तरीका बता रहे हैं और साथ ही बता रहे हैं कि किस तरह की पूजा विधि किसको लाभ पहुँचायेगी। आज के दौर में मानव अब लगता है भागते-भागते थक गया है इसी कारण वह अपने अलावा किसी दूसरी शक्ति के सहारे भी सफलता प्राप्त करना चाहता है।
हाँ तो बात हो रही थी भगवान शंकर के सहारे से सफलता प्राप्त करने की। अभी तक तो देखने में आता कि ज्यादा आयुवर्ग के लोग जिनके सामने समय व्यतीत करने की समस्या होती थी, अपना अकेलापन दूर करने की समस्या होती थी वे लोग भगवान और पूजा-पाठ में अपने आपको रमा कर समय व्यतीत करने की चेष्टा करते थे। इधर कुछ समय से देखने में आया है कि पूजा-आराधना के प्रति उस युवा वर्ग, विद्यार्थी वर्ग का रुझान बढ़ता जा रहा है जिसे अपने कर्म से अपना भगवान स्वयं बनाना चाहिए। पर नहीं यह वर्ग अपने कर्म से अधिक पूजा-भगवान-देवी-देवताओं के सहारे से सफलता प्राप्त करना चाहता है। अपने कर्म से ज्यादा, अपनी मेहनत से ज्यादा मिट्टी के देवताओं पर भरोसा कर रहा है। (वे लोग क्षमा करेंगे जिनको अपने से ज्यादा देवताओ-देवियों पर भरोसा होता है।)
कुछ इसी तरह का झूठा विश्वास आज के दिन का लाभ उठाकर विद्यार्थियों को दिया जा रहा है। एक समाचार-पत्र में परीक्षा में अच्छे अंक लाने के कुछ भागवानिक उपाय बताये गये हैं। यदि आप भी अपने बच्चों को बिना पढ़ाई के ही अच्छे अंकों में पास होते देखना चाहते हैं तो उस समाचार-पत्र में दिए गये उपायों को जरूर आजमाइयेगा।
उपाय इस तरह से दिये गये हैं-
परीक्षा के इस दौर में छात्रों के लिए महामृत्युंजय मंत्र विशेष फल प्रदान कर सकता है। मंत्र यदि शुद्ध न बोल सकें तो मन ही मन इसका जाप कर लें। कुछ उपाय इस प्रकार हैं-
1. फिजिक्स के छात्र-धतूरा और सात बेल पत्र (बिना कटे हुए) शंकर जी को अर्पित करें।
2. कैमिस्ट्री के छात्र-शहद से भगवान शंकर को जलाभिषेक करें।
3. गणित के विद्यार्थी- पंचाक्षर ऊँ नमः शिवायः की एक या दो करमाला (उंगलियों पर गिनना) करें।
4. कामर्स के विद्यार्थी- गंगाजल से परिपूर्ण लोटे में सवा रुपया, सफेद पुष्प डालकर भगवान शंकर को जलाभिषेक करें।
5. विद्यार्थियों को चाहिए कि वह भगवान शंकर को पंचमेवा या खीर का भोग लगाएं। इससे उनके दोनो कारक सिद्ध होंगे। माँ सरस्वती की आराधना भी और शंकर जी का पूजन भी।
विद्यार्थियों को चाहिए कि वह गंगाजल, दूध, दही, शहद से भगवान शंकर का जलाभिषेक करें औश्र उसके बाद माँ सरस्वती का पूजन करें।
(समाचार-पत्र में इतनी ही विधि दी है जो छात्र-छात्राओं और माता-पिता के हितार्थ एवं जनहित में जारी की जा रही है। कृपया समाचार-पत्र इसे अन्यथा न ले।)
कहिए काम की विधि दी है? अब आप सब अपने-अपने बच्चों के भविष्य को संवारने में जुट जायें। हाँ, एक चेतावनी हमारी तरफ से न...न....न.... चेतावनी नहीं बस थोड़ा सा ध्यान खींचना है कि इस पूरी अनुष्ठानिक विधि में कला वर्ग के विद्यार्थियों के लिए कोई विधि नहीं दी गयी है। अतः कला वर्ग के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे। भगवान शंकर केवल विज्ञान वर्ग और वाणिज्य वर्ग का भला करेंगे। (आखिर ये समय भी इन्हीं दोनो का चल रहा है।) एक बात और कि इस पूरे प्रकरण में पूजा-अर्चना के साथ कहीं भी छात्र-छात्राओं को पढ़ने के लिए नहीं कहा गया है, तो आप लोग भी नहीं कहेगे उनसे पढ़ने को। यदि कहेगे तो अनुष्ठान असफल हो सकता है और फल प्राप्ति में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
तो बोलो हर-हर महादेव.........जय शिव शंकर

3 टिप्‍पणियां:

  1. सटीक वार… यदि फ़िर भी फ़ेल हो जायें तो किसी भी मन्दिर के बाहर धतूरे-बेलपत्र-रुद्राक्ष-कुंकुम की दुकान खोलें… जीवन भर भला ही होगा… :)

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  2. सटीक
    महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामना

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  3. महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामना.

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