रायटोक्रेट कुमारेन्द्र
कभी हसरत थी आसमां को छूने की, अब तमन्ना है आसमां के पार जाने की.
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09 अप्रैल 2023
अब तो मुझे निर्वाणो राम.... कविता को बनाएँ मोबाइल की रिंगटोन
अब तो मुझे निर्वाणो राम!
बन कर पाषाण शिला
युगों से करती प्रतीक्षा
अब तो चरण रज पसारो राम!!
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