ज्ञान का, जानकारी का संसार इतना विशाल है,
जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. ज्ञान सागर में ऐसे-ऐसे मोती हैं, जिनको पाने के लिए उसमें गहराई तक उतरना होता है. ऐसा अनुभव हर बार किसी
न किसी प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्राप्त होता है, किसी न किसी वर्कशॉप के
द्वारा ऐसा अनुभव मिलता है. इन दिनों अपने अध्यापन कार्य में अनिवार्य रूप से किये
जाने वाले पुनश्चर्या पाठ्यक्रम (रिफ्रेशर कोर्स) में
सहभागिता की जा रही है. ऑनलाइन चल रहे इस पाठ्यक्रम में अभी तक जो जानकारी दी गई
उसने हमें व्यक्तिगत रूप से आश्चर्यचकित ही किया है. इंटरनेट की दुनिया में
दिन-रात किसी न किसी रूप में विचरण करते रहने के बाद भी एक ऐसे विषय से परिचय हुआ, जिसके बारे में उससे पहले हमने देखा-सुना ही नहीं था.
ऐसा शायद सबके लिए
संभव नहीं होता है कि वह सभी विषयों का, सभी क्षेत्रों का जानकार हो. हमारे साथ तो ऐसा बिलकुल भी नहीं
है. दो-चार क्षेत्र ही ऐसे हैं, जिनके बारे में अल्प-जानकारी, अल्प-ज्ञान ही प्राप्त कर सके हैं. इंटरनेट तो वैसे भी अत्यंत वृहद् है, जहाँ जितना मिले, जितना ग्रहण किया जाये उतना ही कम
है. Insert Learning एक ऐसा विषय हमारे
सामने आया जिसके बारे में हमारे पास जानकारी शून्य थी. रिफ्रेशर कोर्स में जब इस
बारे में बताया गया तो इसके बारे में जानकर आश्चर्य हुआ. इसके द्वारा किसी भी वेब
पेज में दी गई जानकारी में अपनी जानकारी, यूट्यूब लिंक को
जोड़कर विद्यार्थियों के लिए अथवा ऐसे लोगों के लिए जिनको जानकारी देनी हो, ज्ञानवर्द्धक सामग्री उसी वेब पेज पर तैयार की जा सकती है. जब सम्बंधित विशेषज्ञ
द्वारा इस बारे में बताना आरम्भ किया गया तो एकबारगी लगा कि ऐसे कैसे संभव है कि किसी
वेबपेज में किसी तरह से अन्य सामग्री को जोड़ा जा सके? बाद में Insert
Learning टूल की सहायता से जब ऐसा खुद किया तो बड़ा अच्छा लगा.
आश्चर्य भी लगा कि ऐसे विषय से हम आज तक अनजान थे.
फिलहाल, अभी तो पुनश्चर्या पाठ्यक्रम चल रहा
है. निश्चित ही और भी ऐसे विषय हमारे सामने आयेंगे, जो हमारे
लिए नए होंगे. निश्चित ही ऐसे अन्य विषयों से परिचय होकर बहुत कुछ नया सीखने को
मिलेगा.
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