Pages

05 सितंबर 2010

आगामी ओलम्पिक भारत में -- थीम सांग तैयार -- और बेहतर बनाने को सुझाव दें




कल सुबह केन्द्र से एक महान शख्सियत का फोन आया। बहुत ही अहम जानकारी दी गई कि आगामी प्रस्तावित ओलम्पिक खेलों का आयोजन हमारे देश को मिलना तय हो गया है। इसके पीछे कॉमनवेल्थ खेलों की जोरदारी तैयारी अकेले ही प्रभावी रही। शेष तो कुछ और आधार माना ही नहीं गया।

ऐसे में हमें (आपके इस नाचीज कुमारेन्द्र को) जिम्मेवारी सौंपी गई कि हम एक थीम सांग तैयार करें, उस ओलम्पिक खेल के लिए।

अब हम बड़े परेशान, समझ नहीं आया कि क्या करें? देश के लिए कुछ कर गुजरने का बहुत ही सुन्दर मौका मिला है। क्रिकेट खिलाड़ी तो हैं नहीं कि वायुसेना में बिना मेहनत के घुस जाते; बहुत बड़े सुपरस्टार भी नहीं हैं कि कोई सिंह साहब आकर हमें भी मालामाल कर जाते; किसी राजनेता के घर-परिवार में भी नहीं जन्मे हैं कि बिना बात के महासचिव बने घूम रहे होते। जातिगत भी कोई लाभ नहीं ले सकते क्योंकि हमारी जाति का व्यक्ति तो छोड़ो कोई जानवर तक ऐसा नहीं हुआ है कि उसके नाम पर पार्क या मूर्तियाँ बनवाये जा सकें।

अवसर एक बार ही आता है और एक बार ही दरवाजे पर दस्तक देता है। यहाँ तो अवसर हमें फोन कर रहा था। सोच-विचार बहुत ज्यादा न करके हमने तुरन्त हामी भर दी।

हामी भरते ही हमारा सिरदर्द बढ़ गया। थीम सांग तो बनाने की जिम्मेवारी ले ली पर संसार के महान संगीतकार, गायक, रचनाकार रहमान से कैसे जीतते? उनका बनाया कॉमनवेल्थ खेलों का थीम सांग तो वाकई कमाल का है, उससे बेहतर कैसे बनायें, सोचते रहे-सोचते रहे-सोचते रहे। सोचते-सोचते सिरदर्द होने लगा। होते-होते सिरदर्द जब बढ़ता ही गया तो तुरन्त दिमाग में एक धुन घुस गई।


(चित्र गूगल छवियों से साभार)

(अब बहुत महान संगीतकार तो नहीं हैं, नहीं तो आपको इसकी लय धा, धिन, तक-धिन, धा-धा....के रूप में भी बता देते। वैसे बता भी दें तो आप कौन सा समझ ही रहे हैं। यही तो महान होनें की निशानी है कि कोई आपके काम को समझ पाये।)

हाँ तो अभी सिर्फ बोल पेश हैं, जल्दी ही धुन भी सुनाई जायेगी, यदि ओलम्पिक कमेटी ने धुन को अभी से प्रचारित-प्रसारित करने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया तो।


अगड़म-बगड़म,
टीपा-टिप्पी,
ढाल-ढमाका,
फिरका-फिरकी।
हो ओ इंडिया,
हो ओ इंडिया,
डम-डम इंडिया,
छैया छू.....भैया हू।
जीतो तू.....जीतो तू।
आयेंगे वे.....हल्ला हो,
जायेंगे वे.....हल्ला हो,
रोल धमाका,
कर दो ड्रामा,
कहो जोर से
हो ओ इंडिया
हो ओ इंडिया,
डम-डम इंडिया,
छैया छू.....भैया तू।
जीतो तू.....जीतो तू।
खेल कडम्बम....हल्ला हो,
ता था थैया....हल्ला हो,
सबक हो जायें
गोल गुटइंयाँ,
कहो जोर से
हो ओ इंडिया
हो ओ इंडिया,
डम-डम इंडिया,
छैया छू.....भैया तू।
जीतो तू.....जीतो तू।



विशेष--आपकी प्रफुल्लित करने वाली प्रतिक्रिया और सुझाव चाहिए हैं ताकि इसमें सुधार करके इसे और भी बेहतर बनाया जा सके। आखिर देश की इज्जत का सवाल है, ओलम्पिक का मामला है।


9 टिप्‍पणियां:

  1. अज़ब गज़ब
    डपक डपक
    ये शब्द और जोड़ दीजिये
    हा हा हा
    बहुत सुन्दर
    राकेश कुमार

    जवाब देंहटाएं
  2. अज़ब गज़ब
    डपक डपक
    ये शब्द और जोड़ दीजिये
    हा हा हा
    बहुत सुन्दर
    राकेश कुमार

    जवाब देंहटाएं
  3. हा हा हा हा

    मज़ा आ गया

    बहुत अच्छा !

    जवाब देंहटाएं
  4. सर जी, मेरा फील्ड भावार्थ लिखने का है, अगर सेवा की जरुरत हो तो आदेश करें. सस्ते में काम हो जायेगा आपसे हमारी पहचान के कारण. :)

    जवाब देंहटाएं
  5. जय हो, जय हो, जय हो,
    ये शायद पहले आ चूका है?
    फिर भी तुम्हारी जय हो.
    अच्छा व्यंग्य है. खुश रहो.

    जवाब देंहटाएं
  6. जय हो, जय हो, जय हो,
    ये शायद पहले आ चूका है?
    फिर भी तुम्हारी जय हो.
    अच्छा व्यंग्य है. खुश रहो.

    जवाब देंहटाएं
  7. bilkul sahi kahaa aapne theem song achchha banaya aapne. isase achchha to koi ho hi nahin sakta.

    जवाब देंहटाएं
  8. bilkul sahi kahaa aapne theem song achchha banaya aapne. isase achchha to koi ho hi nahin sakta.

    जवाब देंहटाएं

  9. बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाइयाँ और शुभकामनाएं | आशा है कि अपने सार्थक लेखन से आप ऐसे ही ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।

    आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें

    जवाब देंहटाएं