Pages

16 अगस्त 2010

काले अंग्रेजों से मुक्त होने में कितना समय लगेगा


आजाद भारत में,
अपनी आजादी के
अर्थ खोजते रहे।
मानव के भीतर से
मानव की पहचान को
खोजते रहे।
हाथों में जिनके
सजने थे खिलौने,
उनके हाथ
भीख माँगने को
उठते देखते रहे।
सबकी अपनी किस्मत है
सबका है अपना भाग्य
यही सोच-सोचकर
खुद को तसल्ली
देते रहे।
जिन्हें कहते हैं हम
अपना प्रतिनिधि
उनको हम पर ही
राज करना देखते हैं,
लोकतन्त्र की परिभाषा में
उन्हें ही अलोकतान्त्रिक
बनता देखते रहे।
राजतन्त्र का नया स्वरूप
लोकतन्त्र के रूप में
दिखने लगा है,
जनता के ऊपर
जनप्रतिनिधियों का
शासन होने लगा है।
देश की इस आजादी में
हमे भी जयकारा लगाना है,
आजाद भारत के सुख लेने को
काले अंग्रेजों को
अपना भाई-बंधु बताया है।
जयहिन्द बोलते हुए
देते हुए तिरंगे को सलामी
मन में उठती है कसक
स्वतन्त्र रूप से
लहराते तिरंगे को
सलामी देने में
अभी और कितना समय लगेगा?
काले अंग्रेजों से
मुक्त होने में
अभी और कितना समय लगेगा?

==========================
तिरंगा गूगल छवियों से साभार


10 टिप्‍पणियां:

  1. bahut din baad dikhe sir ji, kahan the?
    kavita achchhi hai, bhav bhi sundar hain.
    badhai.
    Rakesh Kumar,
    Knp.

    जवाब देंहटाएं
  2. bahut din baad dikhe sir ji, kahan the?
    kavita achchhi hai, bhav bhi sundar hain.
    badhai.
    Rakesh Kumar,
    Knp.

    जवाब देंहटाएं
  3. भाई मेरे, अभी बहुत समय लगेगा. बहुत लोगों को बहुत समय तक लड़ना होगा.
    वैसे कविता अच्छी है.

    जवाब देंहटाएं
  4. भाई मेरे, अभी बहुत समय लगेगा. बहुत लोगों को बहुत समय तक लड़ना होगा.
    वैसे कविता अच्छी है.

    जवाब देंहटाएं
  5. एकदम सटीक और सीधी बात कह दी आपने .......प्रश्न सचमुच ही विकट है ......जाने कब तक

    जवाब देंहटाएं
  6. tumse is mudde par charcha hoti rahti hai..sawalon ke jawab khojane hi honge.
    kavita theek hai, tumhari lekhani ko dekhte huye aur achchhi ho sakti hai.

    जवाब देंहटाएं
  7. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  8. एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
    आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !

    जवाब देंहटाएं